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Wednesday, 15 May, 2024
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एअर इंडिया अपने सभी यात्रियों को परोसेगा शाकाहारी खाना, पेटा ने फैसले को सराहा

पेटा इंडिया ने कहा है कि इस तरह के कदम से सरकार की 'इट राइट इंडिया' पहल, लागत में कटौती और पशुओं और ग्रह के संरक्षण में मदद मिलेगी.

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लखनऊ : पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) ने एयर इंडिया द्वारा वित्तीय संकट से निपटने के प्रयास में अपने चालक दल को कम कीमत और कम वसा युक्त भोजन देने के प्रस्ताव के लिए विमान कंपनी की प्रशंसा की है. पेटा इंडिया ने एयर इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक अश्वनी लोहानी को एक पत्र भेजा है, जिसमें उनसे सभी क्रू सदस्यों के साथ-साथ सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में यात्रियों को शाकाहारी भोजन परोसने की नीति शुरू करने का आग्रह किया गया है.

पेटा इंडिया ने कहा है कि इस तरह के कदम से सरकार की ‘इट राइट इंडिया’ पहल, लागत में कटौती और पशुओं और ग्रह के संरक्षण में मदद मिलेगी.

पेटा इंडिया की वेगन आउटरीच कोऑर्डिनेटर किरण आहूजा द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यह पहल सरकारी अभियान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिट इंडिया मूवमेंट के साथ पूरी तरह फिट बैठती है.

पत्र में कहा गया, ‘स्वास्थ्यप्रद, कम लागत वाला भोजन जो जानवरों और ग्रह के लिए भी अच्छा है, शाकाहारी हैं. हम आपको स्वास्थ्यप्रद भोजन को बढ़ावा देने, एयर इंडिया के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और अपनी सभी उड़ानों में चालक दल और यात्रियों को केवल स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन परोसने का सुझाव देते हैं.’

पत्र में कहा गया कि मांस, दूध, पनीर और अंडे मंहगे हैं, जबकि कुछ शाकाहारी भोजन जैसे बीन्स, चावल पास्ता, सब्जियां और फल इनकी तुलना में सस्ते हैं. मांस, अंडे और डेयरी उत्पादों का सेवन करने से हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा और कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित होने का खतरा बढ़ जाता है.

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पत्र में कहा गया कि वास्तव में, भारत ‘दुनिया की मधुमेह राजधानी’ है, और हृदय रोग यहां मौत का प्रमुख कारण है. संयुक्त राष्ट्र ने अपने अनुमान में कहा कि गैर-संक्रामक बीमारियां जो बड़े पैमाने पर मांस और अन्य पशुओं से प्राप्त खाद्य पदार्थों के कारण होते हैं, यह 2012 से 2030 के बीच भारत की अर्थव्यवस्था को 6,000 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान पहुंचाएंगे.

पेटा की कोऑर्डिनेटर ने आगे कहा कि एयर पहले से ही घरेलू उड़ानों में सिर्फ शाकाहारी भोजन परोसता है और जल्द ही प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करेगा लेकिन कंपनी अगर एक कदम आगे बढ़ती है तो इसके कर्मचारियों, यात्रियों, पर्यावरण और पशुओं को काफी फायदा होगा.

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