अहमदाबाद, 19 जून (भाषा) पिछले सप्ताह जब एअर इंडिया का 171 विमान बी. जे. मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर में गिरा तो मनीषा कछाड़िया और उनका आठ महीने का बेटा ध्यानांश दुर्घटना से प्रभावित इमारतों में से एक में थे।
दोनों दुर्घटना के बाद लगी आग में बुरी तरह झुलस गए। इस घटना में विमान में सवार 241 लोगों और अस्पताल परिसर में मौजूद 29 लोगों की मौत हो गई। अस्पताल परिसर में मारे गए लोगों में एमएमबीएस के पांच छात्र भी शामिल थे।
दुर्घटना में घायल हुए लोगों में सबसे कम उम्र का ध्यानांश 28 प्रतिशत झुलस गया और उसे अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की बाल गहन चिकित्सा इकाई (पीआईसीयू) में भर्ती कराना पड़ा।
ध्यानांश के पिता कपिल कछाड़िया ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दुर्घटना के एक हफ्ते बाद शिशु अब भी पीआईसीयू में है, और उसकी हालत में सुधार हो रहा है।
कपिल कछाड़िया बीजे मेडिकल कॉलेज में यूरोलॉजी में सुपर-स्पेशियलिटी एमसीएच डिग्री कोर्स कर रहे हैं।
जब 12 जून को विमान दुर्घटना हुई, तब वे अस्पताल में थे।
दुर्घटना और उसके बाद लगी आग इतनी भयावह थी कि फ्लैट के अंदर होने के बावजूद, भीषण तपिश के कारण उनकी पत्नी मनीषा और बेटा ध्यानांश झुलस गए।
कपिल कछाड़िया ने कहा, ‘उसकी (ध्यानांश की) हालत में सुधार हो रहा है। वह अब भी पीआईसीयू में है और एक-दो दिन में उसे सामान्य वार्ड में ले जाया जाएगा।’
उन्होंने कहा कि दुर्घटना के समय मनीषा को भी चोटें आईं, लेकिन वह बेटे को लेकर दुर्घटनास्थल से भाग गईं।
उन्होंने कहा कि मनीषा की हालत स्थिर है और फिलहाल अस्पताल के सामान्य वार्ड में उनका इलाज किया जा रहा है।
भाषा जोहेब माधव
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