नई दिल्ली: बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादी शिविर को हुए नुकसान के दावे को लेकर बढ़ते विवाद के बीच भारतीय वायुसेना (आईएएफ) प्रमुख बीएस धनोआ ने सोमवार को यहां कहा कि वायुसेना हताहतों की संख्या नहीं गिनती, बल्कि हवाई हमला लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए था. उन्होंने कोयंबटूर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘भारतीय वायुसेना इस हमले में कितने मारे गए यह बताने की स्थिति में नहीं है, इसका जवाब सरकार देगी. उन्होंने कहा कि सेना सिर्फ अपने लक्ष्य को देखती है और उसे टार्गेट करती है. उसमें कितने हताहत हुए यह गिनना हमारा काम नहीं है. हम यह नहीं गिनते कि कितने लोग मारे गए हैं. हम सिर्फ यह देखते हैं कि हमें किस लक्ष्य को निशाना बनाना है और किसे नहीं.
धनोआ ने पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले के परिणामस्वरूप वायुसेना द्वारा 26 फरवरी को अंजाम दिए गए अभियान पर पहली बार मीडिया के सामने अपनी बात रखी.
धनोआ ने कहा, ‘लक्ष्य के बारे में विदेश सचिव ने अपने बयान में विस्तार से बता दिया है. अगर हम किसी लक्ष्य पर निशाना साधने की योजना बनाते हैं, तो हम उसे निशाना बनाते हैं, वरना उन्होंने (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने) जवाब क्यों दिया होता. अगर हमने जंगल में बम गिराए होते, तो वह क्यों जवाब देते..?”
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
बालाकोट में जेईएम शिविर पर हुए हमले में मारे गए लोगों की संख्या को लेकर विवाद है. इसे लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं दिया गया है, जबकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को अहमदाबाद में दावा किया कि हवाई हमले में 250 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे.
केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया ने कहा था कि बालाकोट हमला एक संदेश देने के लिए था कि भारत शत्रु क्षेत्र के अंदर तक जाकर हमले की क्षमता रखता है और यह किसी को मारने के लिए नहीं था.
धनोआ ने कहा कि बम से नुकसान का आकलन एक अलग पहलू है और आईएएफ के लिए हताहतों की पुष्टि करना मुश्किल है.
उन्होंने नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसे पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमानों से मुकाबले के लिए पुराने मिग-21 बाइसन का इस्तेमाल करने का बचाव किया.
उन्होंने कहा, ‘मिग-21 बाइसन एक सक्षम विमान है, इसे अपग्रेड कर दिया गया है, इसका रडार बेहतर है. इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और बेहतर हथियार प्रणाली मौजूद है.’
वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि राफेल सितंबर तक भारत में आ जाना चाहिए.
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भारत के पीएएफ के एफ-16 को मार गिराए जाने के दावे वाली विभिन्न रपटों की सत्यता पर धनोआ ने पुष्टि की कि अमेरिकी जेट का इस्तेमाल किया गया था.
विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के अपने दस्ते में वापसी के बारे में उन्होंने कहा कि यह उनके मेडिकल स्थिति पर निर्भर करेगा कि वह कितने जल्दी स्वस्थ होते हैं.
धनोआ ने कहा, ‘अभिनंदन का फिर से विमान उड़ाना उनके चिकित्सा फिटनेस पर निर्भर है. अगर वह लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए फिट पाए गए तो वह उसी यूनिट में वापस जाएंगे.’
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फाइटर फ्लाइट को कब तक उड़ा सकते हैं यह डॉक्टर बताएंगे, फ्लाइट से कूदने के बाद वह अब चिकित्सीय निगरानी में हैं. उनका इलाज चल रहा है. जब वह मेडिकली और कॉकपिट में फिट हो जाते हैं तो वह जरूर फाइटर प्लेन उड़ाएंगे.
एयर स्ट्राइक और मिग 2000 पर उठ रहे सवाल पर धनोआ ने कहा कि सब कुछ परिस्थिति पर निर्भर करता है. यह ठीक वैसा ही है जैसे आप सुनियोजित तरीके से हमला करते हैं और एक आप खराब परिस्थिति में हमला करने को बाध्य होते हैं. बालाकोट स्ट्राइक ऐसी ही परिस्थिति में किया गया हमला था. ऐसे समय में जब आपके पास जो भी एयरक्राफ्ट होता है वह युद्ध के लिए जाता है.. हमारे पास जो भी एयरक्राफ्ट है वह दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए काफी है.