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Saturday, 23 August, 2025
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एम्स-गुवाहाटी पड़ोसी देशों की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्पर: अधिकारी

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चांगसारी (असम), 23 अगस्त (भाषा) असम में गुवाहाटी के निकट चांगसारी में स्थित पूर्वोत्तर का एकमात्र अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स-गुवाहाटी) अपने उद्घाटन के दो साल के भीतर ही न केवल सीमावर्ती राज्यों, बल्कि बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों के लिए भी चिकित्सा केंद्र के रूप में उभरने की तैयारी कर रहा है। इस संस्थान के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. बीकेएस संजय ने शनिवार को यह जानकारी दी।

संजय ने कहा कि संस्थान में मौजूदा सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है, जबकि इस केंद्र के लिए विशेष सेवाएं शुरू करने की योजना पर काम जारी है।

शुक्रवार को कार्यभार संभालने के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में संजय ने कहा, ‘‘पहली जरूरत मौजूदा सेवाओं को मजबूत करना है और उसके बाद हम पूरे पूर्वोत्तर के लिए अन्य सेवाएं भी शुरू करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि अधिकारियों के पास कुछ योजनाएं हैं, लेकिन अभी इनका खुलासा नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि एम्स-गुवाहाटी को एक ऐसे केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा जहां न केवल आसपास के इलाकों से, बल्कि दूर-दराज के इलाकों से भी लोग इलाज के लिए आ सकेंगे।

संजय ने कहा, ‘‘हम पहले आस-पास के राज्यों और फिर पड़ोसी देशों के लोगों की सेवा कर रहे हैं।’’

एम्स-गुवाहाटी के अध्यक्ष, जो एक प्रतिष्ठित हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं, ने कहा कि कुछ सेवाएं केवल इसी केंद्र के लिए विशिष्ट रूप से होंगी। उन्होंने शारीरिक विकृतियों के लिए विशेष सुधारात्मक सर्जरी के विचार को आगे बढ़ाने की बात कही।

मुख्य शहर चांगसारी से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित इस संस्थान का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल, 2023 को किया था।

इसमें वर्तमान में 41 विभाग हैं, जिनमें मरीजों के लिए 367 बिस्तर हैं। बाह्य रोगी विभाग में प्रतिदिन लगभग 2,000 मरीज आते हैं।

संस्थान वर्तमान में एमबीबीएस पाठ्यक्रम, पीजी पाठ्यक्रम और बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम संचालित करता है।

अपनी चिकित्सा सेवाओं के लिए 2021 में पद्मश्री से सम्मानित संजय ने कहा कि एम्स-गुवाहाटी जैसे संस्थान सभी के लिए मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करके पिछली कमी को पूरा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित की जा रही है। अतीत में स्वास्थ्य सेवा ही एकमात्र पहलू बचा था और अब इसका ध्यान रखा जा रहा है।’’

उन्होंने ‘विकसित भारत’ के लिए मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि वर्तमान एम्स-गुवाहाटी को एक उत्कृष्ट संस्थान के रूप में विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

राज्य में कैंसर मरीजों की बड़ी संख्या के मद्देनजर उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रोकथाम ही सबसे अच्छा इलाज है।

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को बार-बार होने वाले दर्द, गांठ, पेट खराब होना, खून की खांसी आदि जैसे लक्षणों के प्रति सचेत रहना चाहिए। एम्स-गुवाहाटी में सर्वोत्तम निदान सुविधाएं और योग्य चिकित्सक उपलब्ध हैं, लोगों को कोई भी लक्षण सामने आने पर तुरंत परामर्श लेना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं कि यदि किसी (घातक) ट्यूमर को शुरुआती चरण में ही निकाल दिया जाए, तो उसके दोबारा होने की संभावना कम होती है, वह आसानी से नहीं फैलता और व्यक्ति का जीवनकाल बढ़ जाता है।’’

भाषा संतोष

देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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