नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)के चिकित्सकों ने 17 वर्षीय लड़के के पेट से लटक रहे दो अतिरिक्त निचले अंगों को सफलतापूर्वक सर्जरी कर निकाल दिया है।
चिकित्सकों ने दावा किया कि यह प्रक्रिया इस प्रमुख अस्पताल में पहली बार की गई है।
उन्होंने बताया कि इस स्थिति को ‘इन्कम्प्लीट पैरासिटिक ट्विन’ के नाम से जाना जाता है और चिकित्सा साहित्य के अनुसार, वैश्विक स्तर पर अब तक ऐसे केवल 40 मामले ही सामने आए हैं, और वह भी कम उम्र में पता चल गए थे।
सर्जरी विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. असुरी कृष्णा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बलिया का रहने वाला यह लड़का जनवरी के अंतिम सप्ताह में सर्जरी ओपीडी में आया था और उसके पेट से दो अतिरिक्त निचले अंग लटक रहे थे।
उन्होंने कहा कि कभी-कभी, जुड़वां भ्रूण गर्भ में एक दूसरे से अलग नहीं हो पाते हैं। कृष्णा के मुताबिक, बहुत कम ही ऐसा होता है कि जुड़वां बच्चों में से एक पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता और उसके अंग विकसित भ्रूण से जुड़ जाते हैं और बच्चे का जन्म हो जाता है।
कृष्णा ने कहा कि यह लाखों में एक मामला था।
डॉक्टर ने कहा कि ऐसे अधिकांश मामलों का पता कम उम्र में लग जाता है, लेकिन यह मरीज 17 साल की उम्र में आया।
उन्होंने कहा कि यह एक कठिन मामला था क्योंकि मरीज की शारीरिक रचना जटिल थी, इसलिए कई विभागों के विशेषज्ञों को इसमें शामिल होना पड़ा।
कृष्णा ने बताया कि मरीज का आठ फरवरी को ऑपरेशन किया गया और उसे निगरानी के लिए 24 घंटे आईसीयू में रखा गया। सर्जरी के चौथे दिन उसे छुट्टी दे दी गई।
डॉक्टर ने बताया कि सर्जरी दो घंटे तक चली और अतिरिक्त अंगों को सफलतापूर्वक निकाल दिया गया तथा लड़के के पेट के अंदर मौजूद दो बड़े सिस्ट को भी हटा दिया गया, जिसके बारे में उनका मानना है कि यह दूसरे जुड़वां का अधूरा शरीर है।
भाषा नोमान दिलीप
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