नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) एम्स दिल्ली ने मंगलवार को संदिग्ध एमपॉक्स रोगियों के इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी किए और पृथकवास में उपचार के वास्ते पांच बिस्तर आवंटित किए।
मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कहा गया है कि संदिग्ध मरीजों को तुरंत एक निर्दिष्ट पृथकवास क्षेत्र में रखा जाना चाहिए, ताकि अन्य मरीजों और कर्मचारियों के साथ उनका संपर्क कम से कम हो।
केंद्र सरकार द्वारा संचालित संस्थान ने एक बयान में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है, जिसमें रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने, शीघ्र पहचान करने और आगे प्रसार को रोकने के लिए कड़े संक्रमण नियंत्रण उपायों की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
एम्स एसओपी दस्तावेज के अनुसार, एमपॉक्स एक वायरल पशुजनित रोग है, जिसके लक्षण चेचक के रोगियों में पहले देखे गए लक्षणों के समान हैं, हालांकि चिकित्सकीय रूप से यह कम गंभीर है।
दस्तावेज में एम्स के आपातकालीन विभाग में ऐसे मामलों से निपटने के लिए आवश्यक कदमों की रूपरेखा दी गई है।
प्रोटोकॉल के अनुसार, आगमन पर बुखार, दाने या एमपॉक्स के पुष्ट मामलों के संपर्क के इतिहास वाले रोगियों को तत्काल आकलन के लिए चिह्नित किया जाना चाहिए।
इसमें बुखार, सरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, ‘लिम्फ नोड’ में सूजन, ठंड लगना, थकावट और त्वचा के घाव जैसे प्रमुख लक्षणों की पहचान करने के लिए भी कहा गया है।
दस्तावेज में कहा गया है कि एमपॉक्स के मामलों को अलग रखने के लिए एबी-7 वार्ड में पांच बिस्तर निर्धारित किए गए हैं।
भाषा प्रशांत दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.