नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) छात्रावास में रहने वालों के जीवन की गुणवत्ता और सहायता को बढ़ाने के लिए कदम उठाते हुए एम्स-दिल्ली ने छात्रावास प्रणाली में संकाय सदस्यों की सहभागिता की पहल की घोषणा की है।
यह कदम निवासियों की इस प्रतिक्रिया के बाद उठाया गया है कि संकाय को छात्रावास के नियमित कार्यों में अधिक शामिल होना चाहिए।
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने एक बयान में कहा कि छात्रावास प्रबंधन प्रणाली की समीक्षा के बाद प्रत्येक ब्लॉक में दो संकाय सदस्यों को ‘छात्रावास संरक्षक’ के रूप में नामित करके ढांचे को उन्नत करने का निर्णय लिया गया है।
एम्स-दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने कहा, “हमारे छात्र और रेजिडेंट हमारे काम का मूल हैं और उनका स्वास्थ्य हमारा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। छात्रावास में सलाहकारों की नियुक्ति से हम आशा करते हैं कि प्रत्येक रेजिडेंट को मदद मिलेगी और उसकी बात सुनी जाएगी।”
उन्होंने कहा, “यह पहल परवाह करने वाला और सहायक वातावरण बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो हमारे छात्रावास समाज की नियमित और साथ ही असाधारण आवश्यकताओं का भी ध्यान रखती है।”
बयान में कहा गया कि स्वैच्छिक छात्रावास सलाहकार स्वागतयोग्य और समावेशी वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उनकी ड्यूटी में हॉस्टल ब्लॉक का दौरा करना और रेजिडेंट से बातचीत करना शामिल होगा। उन्हें रेजिडेंट और उनके परिवारों के लिए हफ्ते में सातों दिन हर समय फोन पर भी उपलब्ध रहना होगा।
इसमें सामुदायिक कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए जाएंगे, जिनमें रेजिडेंट को त्योहारों और कार्यक्रमों में शामिल करना और उन्हें एक साथ लाना शामिल होगा, साथ ही सांस्कृतिक विविधता को पनपने का अवसर भी मिलेगा।
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प्रशांत नेत्रपाल
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