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Monday, 23 December, 2024
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एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग, प्रबंधन और फार्मेसी कॉलेजों में दो लाख सीटें घटाईं

परिषद ने कहा कि 2021-22 तक कोई भी नया इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की अनुमति नहीं होगी और कॉलेजों के सीटें बढ़ाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है.

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नई दिल्ली : इंजीनियरिंग, प्रबंधन और फार्मेसी सहित तमाम तकनीकी संस्थानों में इस साल लगभग दो लाख सीटों की कमी आई है. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), जो भारत में तकनीकी संस्थानों के लिए नियामक है, ने इस सप्ताह के शुरू में वर्ष 2020-21 के लिए प्रवेश संबंधी नवीनतम आंकड़े जारी किए, जिसमें सीटों की संख्या घटने की बात सामने आई.

पिछले शैक्षणिक सत्र की 32,85,018 सीटों की तुलना में इस शैक्षणिक सत्र में 30,86,022 सीटों पर ही दाखिले हो सकेंगे. इस साल इंजीनियरिंग, फार्मेसी, प्रबंधन और वास्तुकला जैसे विभिन्न तकनीकी संस्थानों में सीटों की संख्या कुल 1,98,996 घट गई है. ऐसा इन पाठ्यक्रमों की मांग में कमी के कारण हुआ है.

एआईसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न देने की शर्त पर बताया, ‘कॉलेजों में सीट संख्या घटने का मुख्य कारण उन कॉलेजों को बंद किया जाना है, जिनमें संस्थान को चलाने के लिए छात्रों की न्यूनतम संख्या नहीं थी. कुछ ऐसे भी कॉलेज थे जिन्होंने संबद्धता के नवीनीकरण के लिए आवेदन ही नहीं किया था और इसलिए उन्हें बंद कर दिया गया.’

2012-13 के बाद से यह सबसे कम संख्या है, जब कॉलेजों ने लगभग 34 लाख सीटों की पेशकश की थी. उसके बाद से सीटें बढ़ती गईं और 2014-15 में अपने उच्चतम स्तर 39.6 लाख पर पहुंच गईं. इसके बाद से संख्या में लगातार गिरावट आ रही थी और 2020-21 में यह सबसे कम हो गई.

छात्रों की घटती संख्या

एआईसीटीई की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा आंकड़ों के अनुसार, प्रत्येक वर्ष जिनती सीटें भरती हैं उनकी संख्या सभी संस्थानों में उपलब्ध सीटों से लगभग आधी ही होती है, यही वजह है कि परिषद ने इस वर्ष संख्या घटाने का फैसला किया.


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एआईसीटीई अधिकारी ने आगे कहा, ‘एआईसीटीई के सख्त नियमों के कारण हर साल कॉलेजों में प्रवेश घट रहा है. यह उन कॉलेजों को बाहर करने की प्रक्रिया है जो रातो-रात फुर्र हो जाने वाली प्रवृत्ति पर चलते हैं. काउंसिल के बेहद सख्त नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि अगर किसी कॉलेज में छात्रों की न्यूनतम आवश्यक संख्या नहीं है, तो वह संस्थान बंद कर दिया जाए.

तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एआईसीटीई ने यह फैसला भी लिया कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 तक कोई भी नया फार्मेसी और इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की अनुमति नहीं होगी.

परिषद ने मौजूदा कॉलेजों में नई सीटें बढ़ाने पर भी रोक लगा दी है. संस्थानों को केवल मौजूदा सीट संख्या तक ही छात्रों का प्रवेश स्वीकारने की अनुमति दी गई है.

इस बीच, एआईसीटीई के संशोधित शैक्षणिक कैलेंडर के तहत 2020-21 के बैच में प्रवेश अक्टूबर तक चलेगा और कक्षाएं 15 अक्टूबर से शुरू होंगी. द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष के छात्रों के लिए कक्षाएं 15 अगस्त से शुरू होंगी. गृह मंत्रालय की तरफ से कोई भी निर्देश जारी न होने के कारण संस्थानों को ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के लिए कहा गया है.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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