चेन्नई, एक जुलाई (भाषा) तमिलनाडु में विपक्षी ऑल इंडिया अन्नाद्रमुक मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने शिवगंगा में एक व्यक्ति की हिरासत में मौत के मामले में मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग करते हुए कहा कि लोगों का राज्य की पुलिस से भरोसा उठ गया है।
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने कहा कि मामले में कार्रवाई शुरू कर दी गई है और पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है।
अन्नाद्रमुक प्रमुख एवं विपक्ष के नेता एडप्पडी के. पलानीस्वामी ने घटना को लेकर स्टालिन की निंदा की और कहा कि ‘‘जनता और हमें’’ इस मामले में मुख्यमंत्री के ‘‘नाटक’’ पर विश्वास नहीं है।
खबरों का हवाला देते हुए पलानीस्वामी ने दावा किया कि सुरक्षा गार्ड अजीतकुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर चोटों का खुलासा हुआ है। उन्होंने इसे ‘‘पुलिसिया अत्याचार के कारण हुई हत्या’’ करार दिया।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘‘कुछ मीडिया को समीक्षा बैठक करने या मामले की जांच का जिम्मा सीबी-सीआईडी को सौंपने जैसे आपके नाटक में विश्वास होगा।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व वाले शासन में लोग सुरक्षित नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को पुलिस की फर्जी प्राथमिकी में कोई भरोसा नहीं है। इसलिए यह मामला सीबीआई को भेजा जाना चाहिए।’’
उन्होंने घटना के लिए मुख्यमंत्री को भी ‘‘जिम्मेदार’’ ठहराया और जवाब मांगे।
अभिनेता और तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) नेता विजय ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल के गठन की मांग की।
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि अजीतकुमार की मौत को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं।
इस बीच यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि सुरक्षा गार्ड की मौत के संबंध में कार्रवाई की गई है।
उन्होंने घटना के संबंध में शिवगंगा के जिला पुलिस प्रमुख को सरकार द्वारा ‘‘अनिवार्य प्रतीक्षा’’ में रखे जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘कार्रवाई की गई है, गिरफ्तारियां की गई हैं… उच्च अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।’’
शिवगंगा के तिरुप्पुवनम के अजीतकुमार को स्थानीय पुलिस ने कथित तौर पर चोरी के एक मामले में हिरासत में लिया था।
भाषा सुरभि वैभव
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