भुवनेश्वर, 28 मई (भाषा) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक आशुतोष बिस्वास ने बुधवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) देश में थायराइड विकारों के प्रारंभिक निदान और प्रबंधन में बदलाव ला सकता है।
उन्होंने व्यक्तिगत चिकित्सा में एआई की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से हाइपोथायरायडिज्म के लिए, जो देश में लगभग 10 में से एक वयस्क को प्रभावित करता है।
बिस्वास ने कहा, ‘‘एआई डायग्नोसिस, जिसे एम्स भुवनेश्वर में शुरू किया जाना है, प्रारंभिक निदान में मदद करेगा, रोग की प्रगति पर नजर रखेगा और परिणाम-आधारित दवा की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों के रोगियों को लाभ होगा।’’
उन्होंने कहा कि हाइपोथायरायडिज्म पुरुषों की तुलना में महिलाओं में तीन गुना अधिक आम है, तथा लगभग 33 प्रतिशत रोगियों में इसका निदान नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि अनुपचारित हाइपोथायरायडिज्म हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे, यकृत, आंत और प्रजनन प्रणाली सहित प्रमुख अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
उन्होंने कहा कि बच्चों और शिशुओं में यह विकास अवरुद्धता, मोटापा, विकास में देरी और खराब शैक्षणिक प्रदर्शन का कारण बन सकता है।
भाषा आशीष मनीषा
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