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बुधवार, 28 मई, 2025
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एआई से तैयार कार्य का खुलासा किया जाना चाहिए: आईआईटी दिल्ली ने छात्रों, शिक्षकों से कहा

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नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के जिम्मेदाराना उपयोग पर अपने दिशा-निर्देशों में छात्रों और शिक्षकों से कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अकादमिक शुचिता बनाए रखने के लिए एआई उपकरणों की सहायता से तैयार किए गए कार्य या सामग्री का पूर्ण खुलासा किया जाना चाहिए।

अधिकारियों के अनुसार, आईआईटी दिल्ली पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान है जिसने एआई के उपयोग के लिए औपचारिक रूप से दिशा-निर्देशों की घोषणा की है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि नयी प्रौद्योगिकी का नैतिक उपयोग क्या है, ताकि शैक्षणिक कार्य बिना किसी अप्रत्याशित परिणाम के किया जा सके।

ये दिशानिर्देश एक समिति की सिफारिशों पर तैयार किए गए हैं, जिसने एक आंतरिक सर्वेक्षण में पाया कि कम से कम 80 प्रतिशत छात्र और 77 प्रतिशत संकाय सदस्य एआई उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

आईआईटी दिल्ली के निदेशक रंगन बनर्जी ने कहा, ‘‘शैक्षणिक क्षेत्रों में जेनएआई उपकरण महत्वपूर्ण रूप से लोकप्रिय हो रहे हैं, जिन्हें छात्र, संकाय सदस्य और कर्मचारी समान रूप से अपना रहे हैं, क्योंकि वे कई मामलों में प्रासंगिक रूप से उपयुक्त जानकारी प्रदान करने में सक्षम हैं। इन उपकरणों को व्यापक रूप से अपनाए जाने से शिक्षकों और प्रशासकों को इस बात पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि वे कक्षा शिक्षण, असाइनमेंट और परीक्षाओं को कैसे नया रूप दें और मूल्यांकन के अधिक प्रभावी तरीकों का निर्धारण कैसे करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये उपकरण व्यक्तिगत, वास्तविक समय की प्रतिक्रिया और अनुकूलित शिक्षण अनुभव प्रदान करने जैसे संभावित लाभ प्रदान करते हैं, वहीं कुछ महत्वपूर्ण चिंताएं भी हैं। जेनएआई उपकरणों के बढ़ते उपयोग के साथ, शैक्षणिक संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश बनाने की तत्काल आवश्यकता है जो छात्रों और संकाय सदस्यों को उचित उपयोग के बारे में संवेदनशील बनाएं और निर्देश दें।’’

समिति ने कहा कि उसकी रिपोर्ट में जेनएआई उपकरणों के जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग के लिए व्यापक दिशा-निर्देशों की रूपरेखा तैयार की गई है, ताकि शैक्षणिक लक्ष्यों को बिना किसी अनपेक्षित परिणाम के सोच-समझकर आगे बढ़ाया जा सके।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘एआई उपकरणों की सहायता से तैयार किए गए किसी भी कार्य या सामग्री का पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अकादमिक शुचिता बनाए रखने के लिए पूरी तरह से खुलासा किया जाना चाहिए। विशेष रूप से, यदि एआई उपकरणों का उपयोग अलग-अलग तत्वों -जैसे कि चित्र, तालिकाएं, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन या पाठ के महत्वपूर्ण खंड बनाने के लिए किया जाता है तो इस उपयोग को इस तरह से नोट किया जाना चाहिए। इस तरह के खुलासे को कैप्शन, फ़ुटनोट या कार्य के भीतर एक बयान में शामिल किया जा सकता है।’’

छात्रों, संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं को सलाह दी गई है कि उन्हें अपने काम की सटीकता को सत्यापित करने की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और यह सत्यापन करने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए कि सामग्री साहित्यिक चोरी से मुक्त है।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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