नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड धन शोधन मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को राहत देते हुए बृहस्पतिवार को उसकी जमानत शर्तों में संशोधन किया।
उच्च न्यायालय ने जेम्स के विदेशी नागरिक होने, भारत में कोई निवास नहीं होने और स्थानीय जमानतदार की व्यवस्था करने में उसकी असमर्थता पर गौर करते हुए पूर्व की जमानत शर्त में संशोधन किया।
अदालत द्वारा किये गए संशोधन के मुताबिक पांच-पांच लाख रुपये के व्यक्तिगत मुचलके और जमानत बांड प्रस्तुत करने के स्थान पर, अब उसे 10 लाख रुपये की बढ़ी हुई राशि के नकद जमानत के साथ पांच लाख रुपये का व्यक्तिगत बांड जमा कराना होगा।
इसके अलावा, न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा की पीठ ने जमानत की शर्त में संशोधन करते हुए कहा कि उसे अपना पासपोर्ट, जिसकी अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है, निचली अदालत के समक्ष जमा कराना होगा, ताकि पासपोर्ट ‘तुरंत’ जमा कराए बिना उसे जमानत पर रिहा किया जा सके।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘हालांकि, एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) यह सुनिश्चित करेगा कि आवेदक देश छोड़कर न जाए और ब्रिटिश उच्चायोग (या आवेदक का पासपोर्ट जारी करने वाला संबंधित प्राधिकारी) यह सुनिश्चित करेगा कि आवेदक का नया पासपोर्ट, जब भी तैयार हो, आवेदक को न सौंपा जाए, बल्कि सीधे इस अदालत को सूचित करते हुए निचली अदालत में जमा करा दिया जाए।’’
अदालत ने कहा कि मुकदमे की कार्यवाही के प्रभावी संचालन के लिए आरोपी की उपस्थिति आवश्यक है और यदि आरोपी फरार हो जाता है एवं अनुपलब्ध रहता है, तो इससे मुकदमे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
भाषा धीरज आशीष
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