scorecardresearch
Tuesday, 9 September, 2025
होमदेशकुकी-ज़ो समूहों के साथ हुए समझौत का सम्मान किया जाएगा: मणिपुर के मुख्य सचिव

कुकी-ज़ो समूहों के साथ हुए समझौत का सम्मान किया जाएगा: मणिपुर के मुख्य सचिव

Text Size:

इंफाल, पांच सितंबर (भाषा) मणिपुर के मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने शुक्रवार को कहा कि कुकी-जो समूहों के साथ हुए समझौत का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार जातीय संघर्ष से ग्रस्त राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी प्रयास कर रही है।

कुकी-जो समुदाय के दो प्रमुख संगठनों ने बृहस्पतिवार को सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें वे मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने, निर्दिष्ट शिविरों को संवेदनशील क्षेत्रों से स्थानांतरित करने और राज्य में दीर्घकालिक शांति एवं स्थिरता लाने के समाधान पर काम करने के लिए सहमत हुए।

इसके अलावा, नागरिक समाज समूह कुकी-जो काउंसिल (केजेडसी) ने अपने प्रतिनिधियों और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के बीच दिल्ली में हुई कई बैठकों के बाद, दीमापुर-इंफाल राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही के लिए ‘‘फिर से खोलने’’ का फैसला किया।

अधिकारियों ने बताया कि इसने सड़क पर शांति बनाए रखने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने की भी प्रतिबद्धता जताई। वहीं, मेइती संगठन सीओसीओएमआई ने कुकी-जो के साथ हुए समझौते का विरोध किया, जबकि कुकी-जो संगठनों ने अन्य हितधारकों से परामर्श किए बिना ‘एकतरफा’तरीके से राजमार्ग को फिर से खोलने का निर्णय लेने के लिए केजेडसी की निंदा की।

इंफाल में शिक्षक दिवस समारोह के अवसर पर पत्रकारों के साथ बातचीत में गोयल ने कहा, ‘‘सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। सब कुछ कागजों पर है… जिस भी समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं, उसका सम्मान किया जाएगा।’’

हालांकि, केजेडसी के निर्णय की कई कुकी नागरिक अधिकार और सशस्त्र संगठनों ने निंदा की है। उन्होंने दोहराया है कि “मेइती लोगों को कुकी बहुल क्षेत्रों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’

ग्राम स्वयंसेवक समन्वय समिति (पूर्वी, दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्र) ने केजेडसी के ‘एकतरफा निर्णय’ की निंदा की और दावा किया कि यह ‘‘आम जनता या चल रहे संघर्ष से सीधे प्रभावित प्राथमिक हितधारकों के साथ परामर्श किए बिना’’ लिया गया है।

इसने कहा,‘‘जब तक कुकी-ज़ो लोगों के लिए अलग प्रशासनिक व्यवस्था नहीं बनाई जाती, तब तक कुकी-ज़ो क्षेत्र में मेइती समुदाय की स्वतंत्र आवाजाही संभव नहीं होगी।’’

केंद्रीय ग्राम रक्षा बल (सीवीडीएफ) ने दावा किया कि एनएच-2 को दोबारा खोलने के लिए केजेडसी और केंद्र के बीच समझौता इंफाल घाटी के निवासियों के हितों को प्राथमिकता देने के लिए था, जिसमें ज़ो लोगों की इच्छा, आकांक्षाओं और कष्टों की ‘पूरी तरह से उपेक्षा’ की गई।

उग्रवादी संगठन यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी (यूकेएनए) ने भी केजेडसी के फैसले पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।

समझौते से अलग यूकेएनए ने कहा कि पृथक प्रशासन की मांग पूरी होने तक किसी भी चर्चा और शांति समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने चाहिए। संगठन ने केजेडसी नेताओं को पांच दिन में स्पष्टीकरण देने का अल्टीमेटम भी दिया तथा चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर वह ‘अपनी ओर से कार्रवाई करेगा’।

केजेडसी ने हालांकि रेखांकित किया कि एनएच-2 को ‘पुनः खोलने’ का प्रश्न ही नहीं उठता, क्योंकि सड़क कभी बंद या अवरुद्ध नहीं हुई थी। उसने चेतावनी दी कि उसके निर्णय को मेइती और कुकी क्षेत्रों में अप्रतिबंधित या मुक्त आवाजाही के समर्थन को गलत संदर्भ में नहीं लिया जाना चाहिए।

दूसरी ओर, नागरिक समाज संगठनों की एक छत्र संस्था, इंफाल घाटी स्थित ‘कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटग्रेटी’ (सीओसीओएमआई) ने कुकी-जो सशस्त्र समूहों के केंद्र के साथ साथ समझौते का विरोध किया और इसे ‘जनविरोधी कदम’ करार दिया।

अधिकारियों ने हालांकि कहा कि एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर से मणिपुर में शांति प्रयासों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगले सप्ताह संभावित मणिपुर यात्रा से पहले यह कदम उठाया गया है। यह मई 2023 में मेइती और कुकी समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा के बाद से प्रधानमंत्री का यह राज्य का पहला दौरा होगा।

भाषा धीरज नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments