नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 14 जून को भारतीय सेना में अग्निपथ योजना को मंजूरी दी जिसके बाद देशभर के कई राज्यों में युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन किए और आगजनी की घटनाएं तीसरे दिन भी जारी है. बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से हैं.
शुक्रवार को बिहार और उत्तर प्रदेश में हिंसक घटनाएं और तेज हो गईं जब लखीसराय, दानापुर रेलवे स्टेशन पर एक गाड़ी को आग लगा दी गई, वहीं उत्तर प्रदेश के बलिया से भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आईं. तेलंगाना के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर भी एक ट्रेन को आग के हवाले कर दिया गया.
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ज्यादातर युवाओं की उम्र 15 से 29 वर्ष के बीच ही है. क्योंकि इस योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल तक के युवा भर्ती किए जाएंगे. हालांकि सिर्फ इस साल के लिए अत्यधिक उम्र को 23 साल तक बढ़ाया गया है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई (सीवाईएसएस) भी इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है.
युवाओं के प्रदर्शन के कारण अब तक देश में 200 से ज्यादा ट्रेनों की सेवाएं बाधित हुई हैं वहीं 35 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कई ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया है.
दिप्रिंट उन 7 राज्यों में जनवरी-मार्च 2022 के दौरान बेरोजगारी दर और श्रम शक्ति भागीदारी दर (एलएफपीआर) के आंकड़ों का विश्लेषण किया है, जहां अग्निपथ योजना के खिलाफ युवा प्रदर्शन कर रहे हैं. ये राज्य हैं- बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और दिल्ली.
बेरोजगारी दर और श्रम शक्ति भागीदारी दर के आंकड़े केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण की त्रैमासिक बुलेटिन में जारी किए गए हैं. जिसमें जनवरी-मार्च 2022 के आंकड़े शामिल हैं.
यह भी पढ़ें: ‘शादी, रोजगार की तलाश, शिक्षा, परिवार’: कोविड लॉकडाउन के दौरान भारत में कैसा रहा माइग्रेशन पैटर्न
उग्र प्रदर्शन वाले राज्यों में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा
बिहार, हरियाणा और राजस्थान ऐसे तीन राज्य हैं जहां 15-29 वर्ष की आयु के बीच जनवरी-मार्च 2022 के दौरान बेरोजगारी की दर समूचे देश की बेरोजगारी दर के औसत से ज्यादा है. इसके बाद उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और दिल्ली का स्थान है.
15-29 वर्ष की उम्र के बीच देशभर में बेरोजगारी की दर 20.2% है. लेकिन बिहार में इस उम्र के बीच बेरोजगारी का आंकड़ा 28%, हरियाणा में 27.7%, राजस्थान में 32.2%, यूपी में 19.6%, तेलंगाना में 19.2%, मध्य प्रदेश में 21.6% और दिल्ली में 13.9% है.
यानी कि जिन राज्यों में अग्निपथ योजना के खिलाफ युवा उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं उन ज्यादातर राज्यों में बेरोजगारी की दर देश की औसत बेरोजगारी दर से ज्यादा है. उग्र प्रदर्शन वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा है.
हरियाणा में अक्टूबर-दिसंबर 2021 की तिमाही के दौरान 15-29 वर्ष के बीच बेरोजगारी दर 22.9% थी जो कि जनवरी-मार्च 2022 के बीच बढ़कर 27.7% हो गई है वहीं राजस्थान (31.6% से बढ़कर 32.2%) और मध्य प्रदेश (21.1% से बढ़कर 21.6%) में भी पिछली तिमाही की तुलना में बेरोजगारी दर बढ़ी है.
जनवरी-मार्च 2022 के बेरोजगारी के आंकड़ों के अनुसार 15 या उससे ज्यादा उम्र की आबादी के बीच देश में पुरुषों की 7.7% और महिलाओं की 10.1% आबादी बेरोजगार है. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी 8.2% है.
तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री के. टी. रामाराव ने कहा कि यह आंदोलन देश में बेरोजगारी की समस्या को दर्शाता है.
केटीआर के नाम से जाने जाने वाले रामाराव ने ट्वीट किया, ‘इस ‘अग्निवीर’ योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन देश में बेरोजगारी के संकट की भयावहता को दर्शाते हैं और ये (लोगों की) आंखें खोलते हैं.’
The violent protests against #AgniveerScheme is an eye-opener & acute indicator of the magnitude of unemployment crisis in the country
Pehle Desh ke Kisan Ke Saath खिलवाड़ Aur Ab Desh ke Jawan Ke Saath खिलवाड़
From One Rank – One Pension to proposed No Rank – No Pension!
— KTR (@KTRTRS) June 17, 2022
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने युवाओं से अपील की है कि वो हिंसक प्रदर्शन न करें और न ही रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाएं.
भारत सरकार ने राज्य सभा में 15 मार्च 2021 को बताया था कि तीनों सेनाओं में कुल मिलाकर 13.40 लाख से ज्यादा जवान हैं. सेना में 11.21 लाख, वायु सेना में 1.47 लाख और नेवी में 84 हजार जवान हैं.
गौरतलब है कि बिहार और उत्तर प्रदेश से भारतीय सेना में सबसे ज्यादा जवान आते हैं. आंकड़ों के अनुसार सेना में उत्तर प्रदेश के 2.18 लाख और बिहार के 1.04 लाख जवान हैं. इसके बाद राजस्थान के 1.03 लाख, महाराष्ट्र के 93,938, हरियाणा के 89 हजार जवान हैं.
यह भी पढ़ें: भारत में ‘हर घर जल’ योजना की क्या है स्थिति? 2024 तक क्या मोदी सरकार का लक्ष्य पूरा हो पाएगा
प्रदर्शन वाले राज्यों में श्रम शक्ति भागीदारी दर भी कम
वहीं प्रदर्शन वाले राज्यों में 15-29 वर्ष की आयु के बीच श्रम शक्ति भागीदारी दर (आबादी के कितने प्रतिशत लोग श्रम शक्ति में लगे हैं) भी देश के औसत (38.2%) से कम है.
उपरोक्त सात राज्यों में से सिर्फ हरियाणा में श्रम शक्ति भागीदारी दर राष्ट्रीय औसत (38.2%) के काफी करीब है.
श्रम शक्ति भागीदारी दर दिल्ली में 34.9%, राजस्थान में 34.1%, यूपी में 32.6%, बिहार में 29.7%, तेलंगाना में 37.9%, मध्य प्रदेश में 35.2% और हरियाणा में 38.1% है.
वहीं असम, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, पंजाब और गुजरात ऐसे राज्य हैं जहां श्रम शक्ति भागीदारी दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है.
यह भी पढ़ें: कोविड और लॉकडाउन के बावजूद 2020-21 में भारत की बेरोजगारी दर घटी, क्या कहते हैं PLFS के आंकड़े
जल्द जारी होगा भर्ती प्रक्रिया का शेड्यूल
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख, वायु सेना प्रमुख विवेक राम चौधरी समेत केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने मोदी सरकार की अग्निपथ योजना को अच्छा बताया और इसे युवाओं के लिए मौका देने वाला अवसर बताया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भर्ती प्रक्रिया कुछ ही दिनों में शुरू होने जा रही है. उन्होंने कहा, ‘मैं सभी नौजवानों से अपील करता हूं कि वे सेना में भर्ती होने की तैयारी करें.’
सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने देशभर में अग्निपथ योजना हो रहे प्रदर्शन के बीच शुक्रवार को कहा, ‘यह निर्णय उन सभी युवकों को एक अवसर प्रदान करेगा जो कोरोना महामारी के बावजूद भी भर्ती रैलियों में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे. जो कोविड प्रतिबंधों के कारण पिछले 2 वर्षों में नहीं की जा सकी थी.’
सेना प्रमुख ने ये भी बताया कि जल्द ही भर्ती की प्रक्रिया का शेड्यूल जारी किया जाएगा. जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निवीरों की ट्रेनिंग इस साल दिसंबर से शुरू होगी और अगले साल के मध्य तक उनकी तैनाती होगी.
वहीं वायु सेना 24 जून से भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी. वायु सेना प्रमुख छह फॉर्वर्ड बेस का दौरा करेंगे और सैनिकों को अग्निपथ योजना के बारे में जानकारी देंगे.
बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत, चार साल बाद केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सशस्त्र बलों के नियमित कैडर में शामिल किया जाएगा और जो इससे बाहर होंगे उन्हें ग्रेच्युटी और पेंशन जैसे कोई लाभ नहीं मिलेंगे.
यह भी पढ़ें: सेक्यूलर भारत को बचाने की लड़ाई राष्ट्रवाद की जमीन पर खड़े होकर ही लड़ी जा सकती है