नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (एनएसई) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण के एक ‘बाबा’ के इशारे पर काम करने की बात सामने आने के बाद अब सरकार को इस संस्था के कामकाज के संदर्भ में श्वेत पत्र लाना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम एनएसई के कामकाज को लेकर ‘चुप’ क्यों हैं?
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नेशनल स्टॉक एक्सजेंच, जिसकी मार्केट कैप 303 लाख करोड़ रुपये है। उसको कोई बाबा चला रहा है। यह मैं नहीं कह रहा हूं, सेबी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है। सेबी का कहना है कि उसे नहीं पता कि यह बाबा कौन है? हमने सुना है कि यह बाबा यह हिमालय पर रहते हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि सेबी की रिपोर्ट से यह बात साबित होती है कि इन ‘अदृश्य बाबा’ के इशारे पर एनएसई की पूर्व सीईओ काम कर रही थीं।
वल्लभ ने कहा, ‘‘2013 से 2016 के दौरान चित्रा रामकृष्ण एनएसई की सीईओ थीं। यह बाबा 20 वर्षों से उनका व्यक्तिगत और पेशेवर मार्गदर्शन कर रहे थे।’’
वल्लभ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री चुप क्यों हैं? सरकार को एनएसई के कामकाज के संदर्भ में श्वेत पत्र लाना चाहिए।’’
गौरतलब है कि बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण को कथित तौर पर मार्गदर्शन देने वाले ‘आध्यात्मिक गुरु’ की दिलचस्पी उनके केश संवारने के तरीके में थी, उनको गाने भेजते थे और उनके साथ सेशेल्स की सैर पर भी गए थे।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के एक आदेश में यह दावा किया गया है। हालांकि सेबी का यह बयान चित्रा के उस दावे के ठीक उलट है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके आध्यात्मिक गुरु एक ‘सिद्ध-पुरुष’ या ‘परमहंस’ हैं और उनका कोई भौतिक शरीर नहीं है। उन्होंने अपने गुरु को इच्छा के हिसाब से शरीर धारण करने की शक्ति से लैस भी बताया था।
भाषा हक हक पवनेश
पवनेश
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