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Thursday, 14 November, 2024
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कर्नाटक के मंत्री और शिवकुमार के बीच बैठक के बाद अटकलों का दौर शुरू

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बेंगलुरु, 31 जनवरी (भाषा) कर्नाटक में भाजपा सरकार में मंत्री आनंद सिंह और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डी के शिवकुमार के बीच सोमवार को यहां कांग्रेस नेता के आवास पर हुई मुलाकात के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है। यह घटनाक्रम विपक्षी कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा हाल में किये गए इन दावों को बीच हुआ है कि मंत्रियों सहित सत्तारूढ़ दल के कुछ नेता उनके संपर्क में हैं।

बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली कैबिनेट में पर्यटन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्री सिंह के एक निजी कार से कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख के आवास पर पहुंचने से राजनीतिक हलकों, विशेषकर भाजपा में भृकुटियां तन गई हैं।

हालांकि, शिवकुमार और सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे कांग्रेस नेता के विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन परियोजना के संबंध में मिले थे।

शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैंने तुंगा आरती देखी थी, जिसका उद्देश्य हमारे निर्वाचन क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देना है। मैंने एक कार्यक्रम तैयार करने का अनुरोध किया था ताकि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में मेकेदातु के पास कावेरी और अर्कावती नदियों के संगम पर इसी तरह की आरती आयोजित की जा सके। उन्होंने (सिंह) कहा है कि वह एक टीम भेजेंगे।’’

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए, बैठक के संबंध में सभी राजनीतिक अटकलों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘वह (सिंह) एक मंत्री हैं। अगर वह खुले तौर पर मेरे घर आए हैं, तो वह एक राजनीतिक मकसद से कैसे आ सकते हैं? कोई भी ऐसा नहीं करेगा। राजनीति या तो होटल या गेस्ट हाउस में की जाती है, घर पर नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी के पास इतना सामान्य ज्ञान है.. मैं एक वरिष्ठ नेता हूं। वह व्यक्तिगत रूप से प्रस्तावित कार्यक्रम के बारे में बताने आए थे। और कुछ नहीं है।’’

सिंह ने भी बाद में दिन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शिवकुमार ने पहले ही बैठक के कारणों के बारे में स्पष्ट कर दिया है और इसमें जोड़ने के लिए उनके पास और कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं अपने रिश्तेदार के घर से वापस आ रहा था, शिवकुमार ने मुझे परियोजना पर चर्चा करने के लिए बुलाया, क्योंकि मैं उनके आवास के नजदीक से गुजर रहा था। उन्होंने मुझे चर्चा के लिए अपने घर बुलाया। इसके अलावा, वहां और कुछ नहीं था।’’

सिंह ने साथ ही एक सवाल के जवाब में यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें जिला प्रभारी मंत्री की नियुक्ति के बारे में कोई असंतोष नहीं है।

मीडिया की खबरों के अनुसार, सिंह नवनिर्मित विजयनगर जिले के बजाय कोप्पल के लिए जिला प्रभारी मंत्री नियुक्त करने के मुख्यमंत्री के फैसले से नाखुश हैं, जो उनका मूल स्थान है।

शिवकुमार और विधायक दल के नेता सिद्धरमैया सहित कांग्रेस नेताओं के इसको लेकर हालिया दावों के चलते सिंह के आज के कदम के बारे में अटकलें शुरू हुई हैं, जिसमें कहा गया था कि सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ विधायक और नेता उनके संपर्क में हैं और 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी छोड़ सकते हैं।

इस बीच, सिंह और शिवकुमार के बीच बैठक के बारे में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते थे, उन्होंने कहा, ‘… आपको उनसे (इसके बारे में) पूछना होगा।’

सिंह ने पिछले साल खुले तौर पर तब अपना असंतोष व्यक्त किया था, जब बोम्मई ने उन्हें पर्यावरण, पारिस्थितिकी और पर्यटन विभाग आवंटित किए थे, और उन्होंने एक ‘बेहतर’ विभाग के प्रभार के लिए लंबे समय तक मंत्री के रूप में कार्यभार नहीं संभाला था।

अंतत: मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश नेतृत्व के समझाने के बाद वह मान गए थे। चार बार के विधायक, सिंह उन 17 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन छोड़ दिया था और 2019 में भाजपा में शामिल हो गए थे।

भाषा. अमित दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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