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Saturday, 9 August, 2025
होमदेशदिल्ली के जैतपुर में दीवार ढहने से सात लोगों की मौत के बाद परिजनों को याद आ रहा खौफनाक मंजर

दिल्ली के जैतपुर में दीवार ढहने से सात लोगों की मौत के बाद परिजनों को याद आ रहा खौफनाक मंजर

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नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) ‘‘कुछ लोग रोटी बना रहे थे, कुछ चावल खा रहे थे, और कुछ लोग काम पर जाने के लिये तैयार हो रहे थे। तभी दीवार गिरने की आवाज सुनी।’’

राजधानी दिल्ली के जैतपुर इलाके में रहने वाले रंजन ने शनिवार को हुये उस भयावह हादसे को याद करते हुए गहरे दुख के साथ बताया कि किस तरह दीवार गिरने की दर्दनाक घटना में उसने अपने पांच प्रियजनों को हमेशा के लिए खो दिया।

राष्ट्रीय राजधानी में रात भर हुई भारी बारिश शनिवार सुबह जानलेवा साबित हुई। बारिश के कारण जैतपुर स्थित मोहन बाबा मंदिर के पास एक दीवार ढह गई, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। मृतकों में कई पश्चिम बंगाल के प्रवासी मज़दूर थे।

रंजन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, ‘‘अस्पताल में सात या आठ लोग हैं, जिसमें से मेरी मां, पिता, भाई और दो बच्चे कुल पांच लोग मेरे परिवार के हैं। मेरी सात साल की एक रिश्तेदार और आठ साल का एक रिश्तेदार है।’’

उन्होंने बताया, ‘‘बाकी लोग आस-पास के गांवों से हैं। कुछ बढ़ई का काम करते थे, तो कुछ निजी कंपनियों में।’’

स्थानीय लोगों ने बताया कि दीवार सुबह करीब नौ बजे गिर गई, जिससे लोग अपनी झुग्गियों में फंस गए।

यहां के एक निवासी ने बताया, ‘‘यह (दीवार) आठ लोगों पर गिर गई, जिनमें दो बच्चे, एक महिला और कुछ पुरुष शामिल थे। सभी को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया।’’

मोइना नाम की एक छोटी बच्ची ने बताया कि उसके पिता उनलोगों में शामिल हैं जिन्हें मलबे से बाहर निकाला गया। उसने धीरे से कहा, ‘‘जब यह सब हुआ, मैं सो रही थी। मैंने कुछ नहीं देखा।’’

पुलिस ने बताया कि पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) को सुबह नौ बजकर 13 मिनट पर दीवार ढहने के बारे में पहली सूचना मिली, जिसमें फोन करने वाले ने कहा, ‘‘बड़ी दीवार गिर गई है।’’

जैतपुर के थाना प्रभारी और उनकी टीम ने दमकल विभाग और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ मिलकर तुरंत कार्रवाई की। बचावकर्मियों ने ढहे हुए ढांचे को तोड़कर मलबे में फंसे लोगों तक पहुंचने की कोशिश की।

पुलिस ने बताया कि सभी घायलों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रॉमा सेंटर और सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां सात लोगों की उपचार के दौरान मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि हसीबुल (27) का इलाज किया जा रहा है और एकमात्र उसी की जान बच पाई।

डीएफएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘शुक्रवार रात से भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण निचले और संवेदनशील इलाकों में इमारतें कमज़ोर हो गई होंगी। इस मामले में, हम अब भी जांच कर रहे हैं….।’’

भाषा यासिर रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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