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Thursday, 16 May, 2024
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सेंथिल बालाजी के बाद DMK के मंत्री पोनमुडी ED की रडार पर, स्टालिन बोले- BJP की चिड़चिड़ाहट दिख रही है

पोनमुडी पर आरोप है कि जब वे तमिलनाडु के खनन मंत्री थे, तब उन्होंने रिश्तेदारों को अवैध रूप से खदान लाइसेंस हासिल करने में मदद की थी.

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चेन्नई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी और उनके बेटे सांसद गौतम सिगामणि के आवास और संपत्तियों पर छापेमारी की – जो इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले राज्य के द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के दूसरे मंत्री हैं.

छापेमारी, सोमवार सुबह सात बजे शुरू हुई और नौ स्थानों पर की गई. छापेमारी मद्रास हाईकोर्ट द्वारा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले पर रोक लगाने से इनकार करने के लगभग एक महीने बाद हुई है.

पोनमुडी, जो 2007 और 2011 के बीच खनन मंत्री के रूप में कार्यरत थे, उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने बेटे सहित रिश्तेदारों को अवैध रूप से खदान लाइसेंस प्राप्त करने में मदद करके अपने पद का दुरुपयोग किया है. जांचकर्ताओं के अनुसार, “उल्लंघन” से राज्य के खजाने को 28 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.

अपने कैबिनेट सहयोगी पीछे रैली करते हुए मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि ईडी की तलाशी “बिहार और बेंगलुरु में विपक्षी दलों की एकता पर भाजपा की चिड़चिड़ाहट का प्रतिबिंब” है, उन्होंने कहा कि पोनमुडी के खिलाफ मामला 13 साल पहले प्रतिद्वंद्वी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) सरकार द्वारा थोपा गया था.

स्टालिन ने मीडिया से कहा, “ईडी-आईटी छापे सिर्फ भाजपा द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली डराने-धमकाने की रणनीति है, यह देश के अन्य हिस्सों में किए गए हैं और अब तमिलनाडु में किया जा रहा है. डीएमके इससे प्रभावित नहीं होगी.”

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यह घटनाक्रम ईडी द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार करने के एक महीने बाद आया है. बालाजी को 14 जून के शुरुआती घंटों में कथित तौर पर अपने कार्यालय का “दुरुपयोग” करने और 2014-15 में राज्य परिवहन उपक्रमों में जॉब रैकेट घोटाला “इंजीनियरिंग” करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जबकि वह तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार में राज्य के परिवहन मंत्री के रूप में कार्यरत थे. द्रमुक ने सेंथिल बालाजी पर छापे को ईडी के माध्यम से भाजपा द्वारा खेली जा रही “प्रतिशोध की राजनीति” बताया.

सोमवार को एक ट्वीट में राजनीतिक विश्लेषक सुमंत सी.रमन ने कहा कि इस तरह की छापेमारी, “बिना अनुवर्ती कार्रवाई या जो पाया गया उस पर एक बयान के बिना, केवल कुटिल राजनेताओं के लिए सहानुभूति पैदा करने में मदद करती है, जिससे वे राजनीतिक उत्पीड़न का दावा करने में सक्षम होते हैं”.

राज्य के सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) विभाग द्वारा दर्ज 2004 के भूमि हड़पने के मामले में एक विशेष अदालत द्वारा पोनमुडी और छह अन्य को बरी किए जाने के कुछ हफ्ते बाद सोमवार की छापेमारी भी हुई. 6 जुलाई को पोनमुडी पर चेन्नई के सैदापेट में 3,630 वर्ग फुट सरकारी ज़मीन अवैध रूप से हासिल करने का मुकदमा चलाया जा रहा था.

पोनमुडी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के सिलसिले में भी सुर्खियां बटोर रहे हैं – उन्होंने ही तमिलनाडु के राज्यपाल पर आरोप लगाने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और कहा था कि आर.एन. रवि “बीजेपी एजेंट” की तरह काम कर रहे हैं.

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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