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शनिवार, 14 जून, 2025
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ईरान-इजराइल तनाव पर एससीओ के बयान के बाद भारत ने कहा, उसकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं

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नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) द्वारा इजराइल के सैन्य हमलों की आलोचना करते हुए जारी किए गए बयान के बाद भारत ने शनिवार को कहा कि इजराइल-ईरान स्थिति पर उसका रुख पहले की तरह ही है और उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तनाव कम करने के लिए वार्ता और कूटनीतिक माध्यमों का उपयोग करने का आग्रह किया।

भारत ने शुक्रवार को कहा था कि वह ईरान और इजराइल के बीच हाल के घटनाक्रमों से ‘बेहद चिंतित’ है और उभरती स्थिति पर ‘बारीकी से नजर रख रहा है’, हालांकि नयी दिल्ली ने दोनों देशों से तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचने का आग्रह किया था।

एससीओ द्वारा 14 जून को जारी बयान में कहा गया, ‘शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देश पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं और 13 जून को इस्लामी गणतंत्र ईरान के क्षेत्र पर इजराइल द्वारा किए गए सैन्य हमलों की कड़ी निंदा करते हैं।’’

वर्तमान में चीन एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है। प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा समूह के सदस्यों में रूस, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अन्य एससीओ सदस्यों को अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है तथा बयान पर चर्चा में भाग नहीं लिया।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘एससीओ ने इजराइल और ईरान के बीच हालिया घटनाक्रम पर एक बयान जारी किया है। इस मामले पर भारत की अपनी स्थिति 13 जून 2025 को हमारे द्वारा स्पष्ट की गई थी, और यह वही है।’

इसमें कहा गया है, ‘हम आग्रह करते हैं कि तनाव कम करने के लिए वार्ता और कूटनीति के माध्यमों का उपयोग किया जाना चाहिए और यह आवश्यक है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस दिशा में प्रयास करे।’

विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत की समग्र स्थिति, जैसा कि ऊपर बताया गया है, अन्य एससीओ सदस्यों को बता दी गई है।

इसमें कहा गया है, ‘इस बात को ध्यान में रखते हुए, भारत ने उपर्युक्त एससीओ वक्तव्य पर चर्चा में भाग नहीं लिया।’

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को अपने बयान में कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी शुक्रवार को अपने ईरानी समकक्ष के साथ इस मामले पर चर्चा की और ‘घटनाक्रम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की गहरी चिंता से उन्हें अवगत कराया।’

बयान में कहा गया, ‘उन्होंने किसी भी आक्रामक कदम से बचने और शीघ्र कूटनीति की ओर लौटने का भी आग्रह किया।’

एससीओ एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में चीन के शंघाई में कजाकिस्तान, चीन, किर्गिज गणराज्य, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान द्वारा की गई थी।

भाषा प्रशांत माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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