मुंबई, 20 मई (भाषा) सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का बहिष्कार करने का आह्वान करने के कुछ दिनों बाद शिवसेना (उबाठा) ने केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू के उद्धव ठाकरे से फोन पर बात करने के बाद मंगलवार को कहा कि पार्टी ‘राष्ट्रीय हित’ में आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक पहल का समर्थन करेगी।
शिवसेना (उबाठा) ने यह भी कहा कि केंद्र को ‘‘अव्यवस्था और कुप्रबंधन’’ से बचने के लिए इन प्रतिनिधिमंडलों के बारे में पार्टियों को सूचित करने के प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।
शिवसेना (उबाठा) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने रविवार को उद्धव ठाकरे से टेलीफोन पर बात की और विभिन्न देशों का दौरा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में उनकी पार्टी की भागीदारी पर चर्चा की।’’
शिवसेना (उबाठा) ने कहा कि उसे पूरी तरह से आश्वस्त किया गया है कि प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को स्पष्ट करने के लिए है, राजनीति के लिए नहीं। शिवसेना (उबाठा) ने कहा, ‘‘पूरी तरह से आश्वस्त किये जाने पर, हमने सरकार को यह आश्वासन भी दिया है कि हम इस प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से वही करेंगे जो सही है और जो हमारे देश के लिए जरूरी है।’’
उसने कहा कि पार्टी की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी देशभर के अन्य सांसदों के साथ प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगी।
उल्लेखनीय है कि शिवसेना (उबाठा) के प्रवक्ता संजय राउत ने रविवार को कहा था कि ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों को विभिन्न देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के केंद्र सरकार के कदम का बहिष्कार करना चाहिए था। उन्होंने दावा किया था कि प्रतिनिधिमंडल सरकार द्वारा किए गए ‘पापों और अपराधों’ का बचाव करेगा।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में आतंकवाद के खिलाफ भारत के पक्ष को रखने के लिए विभिन्न देशों की राजधानियों में जाने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में 51 नेता, सांसद और पूर्व मंत्री शामिल होंगे।
शिवसेना (उबाठा) ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने आतंकवाद, विशेष रूप से पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री का समर्थन किया है, ताकि उनके बुनियादी ढांचे और ठिकानों को नष्ट किया जा सके।
पार्टी ने कहा, ‘‘आतंकवाद के खिलाफ सशस्त्र बलों की कार्रवाई में हम सभी एकजुट हैं, इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए।’’
शिवसेना (उबाठा) ने कहा कि हालांकि पार्टी पहलगाम आतंकी हमले में ‘खुफिया विफलता’ के बारे में स्पष्टीकरण मांगना जारी रखेगी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर किया जाना चाहिए।
उसने कहा, ‘‘पहलगाम पर कूटनीतिक स्थिति और विफल खुफिया/सुरक्षा तंत्र के बारे में हमारी अपनी राय है और हम अपने देश के सर्वोत्तम हित में, अपने देश के भीतर सवाल पूछते रहेंगे। हालांकि, हमें पाकिस्तान से संचालित होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को उजागर करने, उसे अलग-थलग करने और नष्ट करने के लिए वैश्विक स्तर पर एकजुट होना चाहिए।’’
शिवसेना (उबाठा) ने कहा कि पार्टी ने केंद्र सरकार को इस मुद्दे के प्रति अपने समर्थन के बारे में बताया है। साथ ही उसने बताया कि ‘‘अव्यवस्था और कुप्रबंधन से बचने के लिए, इन प्रतिनिधिमंडलों के बारे में पार्टियों को बेहतर ढंग से सूचित करने के एक प्रोटोकॉल का पालन किया जा सकता है।’’
उसने कहा, ‘‘हमने राष्ट्रीय हित में ऐसी किसी भी कार्रवाई के लिए अपना समर्थन दोहराया है। हमने पहलगाम से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक के घटनाक्रमों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक जल्द से जल्द बुलाने की भी मांग की है।’’
भाषा अमित दिलीप
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