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Saturday, 4 October, 2025
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बच्चों की मौत की खबरों के बाद राजस्थान में प्रयोगशाला जांच में सुरक्षित पाई गई खांसी की दवा

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जयपुर, तीन अक्टूबर (भाषा) राजस्थान में बच्चों में बीमारी और मौत का कारण बनने वाली खांसी की दवा सरकारी प्रयोगशाला में की गई जांच में सुरक्षित पाई गई है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दवा के विभिन्न बैच की जांच के आदेश दिए थे।

इस ‘कफ सिरप’ को पीने के बाद बच्चों के बीमार पड़ने और कथित तौर पर उनकी मौत होने की खबरें आई थीं।

जांच में पुष्टि हुई कि दवा में सभी लवणों की मात्रा निर्धारित मानकों के भीतर थी।

जांच के नतीजे, 11 बच्चों की मौत की खबरें आने की पृष्ठभूमि में आये हैं। नौ की मौतें मध्यप्रदेश में और दो राजस्थान में हुई हैं। ये मौतें कथित तौर पर खराब गुणवत्ता वाली खांसी की दवा के कारण हुई हैं।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के सीकर, झुंझुनू और भरतपुर सहित कई जिलों से नमूने एकत्र किए गए और विश्लेषण के लिए औषधि नियंत्रण विभाग की प्रयोगशाला में भेजे गए।

प्रयोगशाला ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें परीक्षण किए गए सभी बैच को सुरक्षित घोषित किया गया।

अपने विभाग का बचाव करते हुए स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने नमूनों की प्रयोगशाला में जांच कराई। दवाइयों में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।’’

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मामला सामने आने के बाद नमूने तुरंत जांच के लिए भेज दिए गए और आधिकारिक रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि ये दवाइयां सेवन के लिए सुरक्षित हैं।

उन्होंने कहा कि जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों को दवाइयां दीं, वे दवाएं सरकारी चिकित्सकों द्वारा परामर्श में नहीं लिखी गई थीं।

सिंह ने कहा कि अगर माता-पिता ने बच्चों को कोई दवा दी है, तो इसमें स्वास्थ्य विभाग की कोई गलती नहीं है। फिर भी मामले की आगे जांच की जाएगी।

केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी कर निर्देश दिया है कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाइयां नहीं दी जानी चाहिए।

इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने खांसी की दवा ‘कोल्ड्रिफ’ की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया तथा मध्यप्रदेश और राजस्थान में 11 बच्चों की मौत होने की खबरों के मद्देनजर इसे बाजार से हटाने का आदेश दिया है।

तमिलनाडु के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी द्वारा निर्मित खांसी की दवा की बिक्री पूरे राज्य में एक अक्टूबर से प्रतिबंधित कर दी गई है।

भाषा रवि कांत रवि कांत सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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