नई दिल्ली: दिल्ली सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में तीसरे लॉकडाउन के बीच शराब की दुकानें सोमवार को सोशल डिस्टैंसिंग जैसी शर्तों के पालन के साथ खुल गई पर लोगों की भीड़ उमड़ने से इन्हें फिर बंद करना पड़. सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों के उल्लंघन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और लोगों को अपने घर जाने को कह दिया.
दिल्ली के करोल बाग में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन नहीं करने पर पुलिस ने शराब की दुकान बंद कर लोगों का अपने-अपने घर जाने को कहा.
वहीं दिल्ली के कश्मीरी गेट पर एक शराब की दुकान के बाहर जब लोगों ने सोशल डिस्टैंसिंग का उल्लंघन किया तब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया. करोल बाग में भी एक शराब की दुकान के बाहर डेढ़ किलोमीटर लंबी लाइन लगी. लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लाइन में लगे.
करोल बाग के एसएचओ मनिंदर सिंह ने कहा कि शराब की दुकान पर लोग सोशल डिस्टैंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे, इसलिए हमने दुकान को बंद कर दिया है.
एक ग्राहक तेजपाल ने कहा कि करोल बाग, हरियाणा में ही शराब इतनी महंगी मिल रही है, हम क्या करें. जो 30 रुपए का क्वार्टर मिलता था वो अब 300 रुपए में मिल रहा है. इससे बढ़िया यहीं से टैक्स लग के हम यहीं से पी लें. सरकार ने दुकानें खोलकर बहुत अच्छा किया है.
दिल्ली में खुलीं शराब की दुकानें, लगी लंबी लंबी कतारें, दूरी बनाना हुआ मुश्किल
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को शराब की दुकानें खुलने के बाद लगी लंबी कतारों के कारण पुलिसकर्मियों को भीड़ को नियंत्रित करने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
वहीं मयूर विहार में लोगों के सामाजिक दूरी ना बनाने के कारण वहां एक दुकान को बंद ही कर दिया गया.
सरकार के एक अधिकारी के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) के लॉकडाउन के नियमों में ढील देने के बाद शराब की करीब 150 दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है. ये दुकानें सुबह नौ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक खुल सकती हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में 42 दिन बाद शराब की दुकानें खुली हैं. कोरोनावायरस से निपटने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण ये दुकानें बंद थीं.
दुकानों के खुलते ही बुराड़ी, मयूर विहार, गांधी विहार, रोहिणी और जनकपुरी में बड़ी संख्या में लोग दुकानों के बाहर इकट्ठे हो गए.
पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित करते दिखे क्योंकि इन दुकानों में एक बार में पांच से अधिक लोगों को जाने की अनुमति नहीं हैं.
सरकार ने इन दुकानों को चलाने वाली चार सरकारी एजेंसियों को दुकानों पर मार्शल तैनात करने को भी कहा है.
शहर में सरकारी एजेंसियों और निजी तौर पर चलाई जाने वाली 850 शराब की दुकानें हैं.
आदेश में आबकारी विभाग ने अधिकारियों से एल-7 लाइसेंस प्राप्त निजी दुकानों की पहचान करने को भी कहा है, जो एमएचए के निर्देशों को पूरा करती हों. अधिकारियों से तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
सरकार ने अभी केवल एल-7 और एल-8 लाइसेंस प्राप्त शराब की दुकानों को ही शहर में बिक्री की अनुमति दी है, जो चार सरकारी एजेंसियों द्वारा चलाई जाती है.
अधिकारी ने कहा, ‘मॉल और बाजार में शराब की दुकानें बंद रहेंगी. सरकारी दुकानें केवल सुबह नौ से शाम साढ़े छह बजे तक खुलेंगी. एक बार में दुकान में पांच से अधिक लोग मौजूद ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए ये चार एजेंसियों वहां मार्शल भी तैनात करेंगी.’
विभाग ने एजेंसियों से कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ समन्वय स्थापित करने को भी कहा है.
आदेशानुसार गोदामों में सुबह सात बजे से शाम साढ़े छह बजे तक काम किया जा सकता है.
दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम, दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम, दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड और दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर को मॉल और बाजार परिसर छोड़कर सार्वजनिक स्थानों पर शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है.
आबकारी विभाग के अनुसार एजेंसियों को यह कहते हुए एक हलफनामा देना होगा कि शराब की दुकानें खोलने की अनुमति एमएचए के दिशा-निर्देश पूरे करने पर दी गई है.
यूपी के प्रयागराज में लॉकडाउन की वजह से इतने दिनों से बंद शराब की दुकान के खोलने से पहले लोगों ने पूजा कर नारियल चढ़ाया.
लॉकडाउनः महाराष्ट्र के पांच जिलों में शराब बिक्री की इजाजत नहीं
महाराष्ट्र के पांच जिलों ने शराब की बिक्री की इजाजत नहीं देने का फैसला किया है. एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने कहा था कि गैर निषिद्ध जोनों में शराब सहित गैर जरूरी सामान की दुकानें सोमवार से खुल सकेंगी.
सोलापुर, औरंगाबाद, जालना, बुलढाणा और अमरावती जिलों के प्रशासनों ने निर्देश जारी किए हैं कि शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इनमें से एक जिले के कलेक्टर ने कहा, ‘यह निर्णय आपदा प्रबंधन अधिनियम के पालन में और कोरोनावायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए किया गया है.’
सूत्रों ने बताया कि बुलढाणा और अमरावती प्रशासन ने भी शराब की बिक्री पर 17 मई तक रोक जारी रखने और जरूरी सामान की बिक्री की इजाजत देने का फैसला किया है.
औरंगाबाद में स्थित शराब बनाने की फैक्टरियां और बॉटलिंग इकाइयां उत्पादन फिर से शुरू कर सकती हैं लेकिन जिले में इसकी बिक्री पर रोक रहेगी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नागपुर नगर निकाय ने भी शहर में शराब बेचने की इजाजत नहीं देने का फैसला किया है.
यूपी में पहले ही दिन करीब 100 करोड़ का राजस्व मिलने का अनुमान
अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे फिर से खोलने के क्रम में लॉकडाउन में मिली कुछ रियायतों के बाद सोमवार से प्रदेश में शराब की दुकानें खोली गईं और खुलने से पहले ही दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं.
आबकारी विभाग को अनुमान है कि सरकार को सोमवार को पहले दिन प्रदेश की 26 हजार दुकानों से करीब 100 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है.
करीब 40 दिन बाद खुलने वाली दुकानों पर लोग समय से काफी पहले ही पहुंच गए. राजधानी लखनऊ के साथ प्रदेश के अन्य शहरों में भी शराब की दुकानें खुलने से पहले ही उनके बाहर काफी लम्बी कतारें लग गईं. इस दौरान कई जगह पर सामाजिक दूरी की धज्जियां भी उड़ी. लोग काफी मात्रा में शराब की बोतलें खरीद रहे हैं .
प्रदेश के प्रमुख सचिव (आबकारी) संजय भुसरेड्डी ने अपने अधिकारियों के साथ सुबह करीब दस बजे से ही शहर के महानगर, अलीगंज, इंदिरानगर आदि इलाकों की शराब की दुकानों का निरीक्षण किया और सभी दुकानों पर सैनेटाइजर और सामाजिक दूरी आदि की व्यवस्था को सुनिश्चित किया .
भुसरेडडी ने बताया, ‘सोमवार से प्रदेश के सभी जनपदों की करीब 26 हजार शराब की दुकानें खोलने के आदेश दे दिये गये हैं. अधिकतर जनपदों में दुकानें खुल गयी और लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुये तथा सामाजिक दूरी और सफाई की व्यवस्था पर ध्यान देते हुये शराब की बिक्री जारी है. ऐसा अनुमान है कि पहले ही दिन सरकार को करीब 100 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा.’
उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को निर्देश दिये गये हैं कि वे शराब की दुकानों के बाहर भीड़ न लगने दें और सामाजिक का पालन करवायें .
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)