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गुरूवार, 24 अप्रैल, 2025
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भारत के समय-सीमा तय करने के बाद पाक नागरिक स्वदेश वापसी के लिए सीमा पर एकत्र होने लगे

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चंडीगढ़, 24 अप्रैल (भाषा) केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिये जाने के एक दिन बाद इस पड़ोसी देश के कई नागरिक बृहस्पतिवार को अटारी-वाघा सीमा मार्ग से स्वदेश लौटने लगे।

कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद केंद्र ने पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार (अताशे) को निष्कासित करने, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल बंद करने सहित कई उपायों की बुधवार को घोषणा की। इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस वीजा योजना के तहत फिलहाल भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने यह निर्णय लिया।

बैठक में घोषणा की गई कि अटारी में एकीकृत चेक-पोस्ट (आईसीपी) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा और जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान गए हैं, वे एक मई से पहले उस रास्ते से वापस आ सकते हैं।

बृहस्पतिवार सुबह कई पाकिस्तानी परिवार अटारी-वाघा सीमा मार्ग से स्वदेश लौटने के लिए अमृतसर स्थित आईसीपी पहुंचे।

कराची के एक परिवार ने कहा कि वे लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने दिल्ली गए थे।

परिवार के सदस्य शेख फजल अहमद ने कहा, ‘‘हम 15 अप्रैल को यहां (भारत) आए थे और आज हम घर लौट रहे हैं, हालांकि हमारे पास 45 दिनों का वीजा था।’’

पहलगाम हमले पर एक सवाल का जवाब देते हुए अहमद ने कहा, ‘‘जिसने भी यह किया है वह पूरी तरह से गलत है। हम दोनों देशों के बीच भाईचारा और दोस्ती चाहते हैं।’’

मंसूर नामक एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ 15 अप्रैल को 90 दिन के वीजा पर भारत आया था।

मंसूर ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कहा, ‘‘लेकिन हम आज घर लौट रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।

पाकिस्तान जाने के लिए वीजा प्राप्त कुछ भारतीय नागरिक भी बृहस्पतिवार को आईसीपी पहुंचे, जिनमें गुजरात का एक परिवार भी शामिल था, जो कराची में अपने रिश्तेदारों से मिलने जाना चाहता था। परिवार के एक बुजुर्ग सदस्य ने कहा, ‘‘हमें दो महीने पहले वीजा मिला था।’’

हालांकि, जब उन्हें बताया गया कि अटारी-वाघा सीमा मार्ग बंद कर दिया गया है, तो बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि अगर ऐसा है तो वे घर लौटने को तैयार हैं।

कानपुर निवासी सीमा ने बताया कि उसे अपनी बीमार बहन से मिलने के लिए कराची जाना है।

सीमा ने बताया, ‘‘मैं कराची जाना चाहती हूं। मेरे पास एक महीने का वीजा है। मेरी बहन चंदा आफताब की हालत बहुत गंभीर है।’’

जब उसे अटारी-वाघा सीमा मार्ग बंद होने के बारे में बताया गया तो उसने कहा, ‘‘मैं (अब) क्या कह सकती हूं।’’

पाकिस्तान जाने के लिए बुधवार शाम को अमृतसर पहुंचे राजस्थान के दो व्यक्तियों ने कहा कि उन्हें अटारी-वाघा सीमा मार्ग बंद किए जाने के बारे में जानकारी नहीं थी।

इस बीच, अमृतसर घूमने आए कई भारतीय पर्यटकों ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और केंद्र से इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की। ​

महाराष्ट्र के नांदेड़ से आए एक पर्यटक ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए।’’

भाषा सुरेश अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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