शिमला, 22 सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा ‘डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना’ का लाभ विदेश में शिक्षा प्राप्त करने वालों को भी देने की मंजूरी दिए जाने के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को कहा कि इस संबंध में जल्द ही विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जाएगी।
राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इस योजना का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया, जिसके तहत व्यावसायिक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के इच्छुक पात्र विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण प्रदान किया जाता है। इसमें विदेशी शिक्षण संस्थानों को भी शामिल किया गया है।
सुक्खू ने रविवार को कहा कि इस पहल से विदेशी संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों को लाभ होगा और यह सुनिश्चित होगा कि वित्तीय बाधाएं उनकी शैक्षिक आकांक्षाओं के आड़े नहीं आएं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही विस्तृत एसओपी जारी की जाएगी।
राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पात्र मेधावी छात्रों की सहायता के लिए पिछले साल ऋण योजना शुरू की थी। चार लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के छात्र इसके लिए पात्र हैं।
भाषा
शुभम धीरज
धीरज
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.