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बुधवार, 28 मई, 2025
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एएफएचक्यू नागरिक सेवा सशस्त्र बलों, सरकार के बीच महत्वपूर्ण कड़ी का काम कर सकती हैं: राजनाथ

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(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि सशस्त्र बल मुख्यालय (एएफएचक्यू) नागरिक सेवा सशस्त्र बलों और सरकार को जोड़ने में एक ‘‘महत्वपूर्ण कड़ी’’ के रूप में काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस सेवा को मजबूत करने की जरूरत है।

सशस्त्र बल मुख्यालय (एएफएचक्यू) दिवस पर अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने नागरिक सेवाओं को ‘‘शासन का स्टील फ्रेम’’ भी करार दिया। एएफएचक्यू दिवस हर साल एक अगस्त को उन कर्मियों की भूमिका को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है जो मुख्य रूप से तीन एकीकृत सेना मुख्यालयों, एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय के 24 अंतर-सेवा संगठनों में सैन्य कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसका उद्देश्य एएफएचक्यू कैडरों के उन नागरिक कर्मचारियों की समूह भावना को बढ़ावा देना है, जो शांति एवं युद्ध, दोनों काल के दौरान सेना मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय के बीच एक पुल की भूमिका निभाते हैं।

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में यह भी आग्रह किया कि जो लोग शालीनता और विनम्रता के साथ काम करते हैं, वे जीवन में आगे बढ़ते हैं। उन्होंने आगाह किया कि किसी को अहंकार नहीं रखना चाहिए तथा अन्य लोगों से भी विचार लेने के लिए तैयार रहना चाहिए तथा एक टीम के रूप में काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘देश की प्रशासनिक व्यवस्था में नागरिक सेवाओं की भूमिका को देखते हुए अगर नागरिक सेवाओं को प्रशासनिक व्यवस्था का ‘स्टील फ्रेम’ कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। अगर नागरिक सेवाएं स्टील फ्रेम हैं तो इसका फायदा रक्षा मंत्रालय को एएफएचक्यू सिविल सेवा के रूप में मिलता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप सशस्त्र बलों और सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। बेहतर दक्षता के लिए अपनी क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है।’’

नयी दिल्ली में 83वें एएफएचक्यू नागरिक सेवा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कमान मुख्यालय और सेवा मुख्यालय से लेकर रक्षा मंत्रालय तक, सशस्त्र बलों और सिविल सेवाओं को एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है, जो आप कर रहे हैं।’’

उन्होंने एएफएचक्यू नागरिक सेवाओं के कर्मियों से आह्वान किया कि वे आज के तेजी से बदलते समय में कुशल नीति निर्माण और कार्यान्वयन तथा रक्षा मंत्रालय में किए जा रहे सुधारों के क्रियान्वयन के लिए अपने कौशल को बढ़ाते रहें।

इस अवसर पर रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी; वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी, सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) डॉ. नितेन चंद्रा, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ असैन्य व सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

एएफएचक्यू कैडर की नींव एक अगस्त, 1942 को मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के नियंत्रण में रक्षा मंत्रालय एवं वित्त (रक्षा) के विभिन्न सेवा मुख्यालयों व सचिवालय के तहत अलग-अलग संस्थाओं के रूप में तत्कालीन समय में विकेन्द्रीकृत नागरिक पदों/कैडर संचालन को व्यवस्थित करके रखी गई थी।

भाषा आशीष प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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