नई दिल्ली : अफगानिस्तान दूतावास ने फिल्मकार आशुतोष गोवारिकर की पीरियड ड्रामा ‘पानीपत’ में अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली के चित्रण को लेकर चिंता जताई है. इसे बारे में दूतावास ने जल्द ही सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मिलने के लिए समय मांगा है.
संजय दत्त और अर्जुन कपूर अभिनीत फिल्म ‘पानीपत’ मराठाओं और दुर्रानियों के बीच हुए 1761 के संग्राम पर आधारित है.
बुधवार को फिल्म के ट्रेलर के रिलीज होते ही इस बात के कयास लगने शुरू हो गए कि फिल्म में आधुनिक अफगानिस्तान के संस्थापक अहमद शाह अब्दाली को एक क्रूर शासक के रूप में दिखाया गया है. पानीपत 6 दिसंबर को रिलीज होने वाली है.
फिल्म के ट्रेलर रिलीज के कुछ घंटों बाद ही अफगानिस्तान दूतावास ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखा. पत्र में कहा गया है, ‘चूंकि ये फिल्म पूर्व अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली से संबंधित है, उनको गलत तरीके से दिखाया जाना दोनों देशों के शानदार रिश्तों के बीच बुरा असर डाल सकता है.’
मामले की गंभीरता को देखते हुए पत्र में मंत्रालय से दूतावास के प्रमुख ताहिर क़ादरी और प्रकाश जावड़ेकर के बीच जल्द से जल्द फिल्म को लेकर चर्चा करने के लिए एक मुलाकात कराने का अनुरोध किया गया.
सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत अफगान अधिकारियों से ये कहने वाला है कि फिल्म किसी भी तरह से भारत सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और बॉलीवुड के निजी फिल्मकारों ने बनाई है.
हालांकि सूत्रों ने ये भी कहा कि मंत्रालय भारत और अफगानिस्तान के महत्वपूर्ण रिश्तों के मद्देनजर इस बारे में अफगान दूतावास की बातों पर गौर करने को तैयार है.
इस से पहले भी अफगान दूतावास के संस्कृति विभाग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से फिल्म के बारे में जानकारी मांगी थी.
अफगानिस्तान से विरोध
अभी तक फिल्म के ट्रेलर को 29 मिलियन (करीब 3 करोड़) लोगों ने देखा है और लगातार ट्रेंड कर रहा है. अफगानिस्तान के कई नागरिकों ने इस पर आपत्ति जताई है. अहमद शाह अब्दाली अफगानिस्तान में एक सम्मानित शासक रहे, ऐसे में फिल्म में उनके गलत चित्रण को लेकर लोगों की आशंका बरकरार है.
अफगानिस्तान के पाझोक अफगान न्यूज में ताहिर क़ादरी को उद्धृत करते हुए बताया कि फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है और इसकी विषयवस्तु भी तय नहीं है. उन्होंने कहा कि दूतावास भारतीय सरकार से संपर्क में है और अपनी बात उनके सामने रख चुका है.
रिपोर्ट में दूतावास के संस्कृति विभाग के अजमल आलामज़ाई को उद्धृत करते हुए लिखा गया है कि उन्हें फिल्म के बारे में दो साल पहले पता चला है और उन्होंने इस विषय में जांच शुरू कर दी थी.
‘हमने फिल्म के निर्देशक को इस बारे में लिखा पर उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला. हमने कई बार कोशिश की, पर कोई नतीजा नहीं निकला’, अजमल ने कहा.
बुधवार को पूर्व अफगानिस्तान दूत शाईदा अब्दाली ने अभिनेता संजय दत्त को ट्वीट करके कहा, ‘ऐतिहासिक तौर पर भारतीय सिनेमा ने भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों को मजबूत करने में खास भूमिका निभाई है, ऐसे में में आशा करता हूं कि फिल्म पानीपत ने हमारे साझे इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय को दर्शाने में इस बात का खास ध्यान रखा होगा.’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘अहमद शाह अब्दाली की अगुवाई में हमारा शानदार इतिहास भविष्य की नींव रहा है – ऐसे में अब्दाली फाउंडेशन एक शांतिपूर्ण और खुशहाल अब्दाली के अफगानिस्तान के सपने को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत है.’
अफगान मीडिया की एक अन्य रिपोर्ट में अधिकारियों ने कहा कि कोई भी राय बनाना अभी जल्दबाजी है. कई अफगान सोशल मीडिया यूजर्स ने फिल्म की ‘पक्षातपूर्ण’ और ‘इस्लामोफोबिक’ कहते हुए आलोचना की.
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