नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) अमेरिका में रह रहे एयरोस्पेस अभियंता ज्योतिस्का गांगुली ने अपना पहला उपन्यास ‘द जमींदार द रिबेल एंड द रिवोल्यूशनरी’ लिखा है।
गांगुली ने इस उपन्यास का श्रेय अपनी दो दादियों को दिया है।
उन्होंने बताया कि जब उनके पूर्वज कन्नौज से बंगाल चले गए थे, उस समय की उनके पूर्वजों की कहानियों ने उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया था।
यह उपन्यास उस दौर की कहानी बताता है जब ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत में स्वतंत्रता की आवाजें गूंज रही थीं। किताब में एक बंगाली ब्राह्मण जमींदार परिवार की तीन पीढ़ियों का संघर्ष दिखाया गया है।
केशव नाम के जमींदार ने 1880 के दशक में समाज के गलत नियमों के खिलाफ आवाज उठाई और अपने प्रिंटिंग प्रेस का इस्तेमाल देश की आजादी के लिए लड़ रहे क्रांतिकारियों की मदद के लिए किया।
यह किताब रूपा पब्लिकेशन ने प्रकाशित की है।
भाषा योगेश संतोष
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