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बुधवार, 28 मई, 2025
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एईआरबी ने राजस्थान के माही बांसवाड़ा में चार परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की मंजूरी दी

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नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा)भारत के परमाणु नियामक ने राजस्थान के माही बांसवाड़ा में 700-700 मेगावाट क्षमता की चार परमाणु ऊर्जा रिएक्टर स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) ने तीन स्तरीय समीक्षा के बाद परियोजना स्थल को मंजूरी दे दी, बशर्ते कि निर्धारित शर्तों का अनुपालन संतोषजनक पाया गया हो।

भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने एईआरबी को आवेदन देकर राजस्थान के माही बांसवाड़ा स्थित परमाणु ऊर्जा परियोजना (एमबीआरएपीपी) स्थल पर 700-700 मेगावाट क्षमता के चार स्वदेशी रूप से विकसित दाबित भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) के निर्माण की अनुमति मांगी थी।

एईआरबी ने कहा, ‘‘अनुबंध-एक में निर्दिष्ट शर्तों और प्रावधानों के संतोषजनक अनुपालन के अधीन, एमबीआरएपीपी 1 से 4 के स्थान निर्धारण के लिए सहमति प्रदान की जाती है।’’

परमाणु नियामक ने कहा, ‘‘अनुमति शर्तों और शर्तों के किसी भी गैर-अनुपालन पुनः समीक्षा पर आधारित होगी। सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बिना सहमति को हस्तांतरित नहीं किया जा सकेगा।’’

माही बांसवाड़ा परियोजना का कार्यान्वयन अणुशक्ति विद्युत निगम द्वारा किया जा रहा है, जो एनपीसीआईएल और राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) का एक संयुक्त उद्यम है।

वर्तमान में, एनपीसीआईएल और भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड (भाविनी) को परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित और संचालित करने की अनुमति है। परमाणु ऊर्जा अधिनियम-1962 में 2015 में संशोधन किया गया जिसके जरिये एनपीसीआईएल और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बीच परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए संयुक्त उद्यम का मार्ग प्रशस्त हुआ।

एमबीआरएपीपी इकाइयां उन 700-700 मेगावाट क्षमता वाली 10 पीएचडब्ल्यूआर में से हैं, जिन्हें सरकार ‘फ्लीट मोड’ दृष्टिकोण के तहत स्थापित करने की योजना बना रही है। सरकार ने इसे 2017 में मंजूरी दी थी।

माही बांसवाड़ा के अलावा, ‘फ्लीट मोड’ परमाणु संयंत्र कैगा एनपीपी (दो इकाइयां), गोरखपुर-हरियाणा (दो इकाइयां) और चुटका-मध्य प्रदेश (दो इकाइयां) में स्थापित किए जाएंगे।

भाषा धीरज माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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