नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध वकील संगठन अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और अन्य को एक प्रस्ताव सौंपा है, जिसमें न्यायपालिका में अधिक जवाबदेही की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद ने बृहस्पतिवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि न्यायपालिका में हुई हाल की घटनाओं ने “एक बार फिर राष्ट्र को झकझोर दिया है” और इस बात को रेखांकित किया कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा करते समय न्यायिक जवाबदेही से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “आज अधिवक्ता परिषद, दिल्ली प्रांत ने अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद द्वारा 12 अप्रैल से 14 अप्रैल 2025 तक विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) में आयोजित अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित प्रस्ताव की एक प्रति भारत के माननीय उपराष्ट्रपति, माननीय लोकसभा अध्यक्ष, माननीय कानून मंत्री, दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल और सभी जिलाधिकारियों को सौंपी।”
विज्ञप्ति के मुताबिक, परिषद ने प्रस्ताव में कई मांगें की हैं, जिनमें नियुक्ति प्रक्रिया और न्यायिक आचरण की निगरानी के संबंध में एक नया कानून पेश करना तथा ऐसा कानून लागू होने तक अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना शामिल है।
भाषा पारुल अविनाश
अविनाश
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