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Thursday, 6 February, 2025
होमदेशनुपूर शर्मा का समर्थन करने पर धमकी देने को लेकर अधिवक्ता का लिपिक गिरफ्तार

नुपूर शर्मा का समर्थन करने पर धमकी देने को लेकर अधिवक्ता का लिपिक गिरफ्तार

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जोधपुर/जयपुर, सात जुलाई (भाषा) राजस्थान के जोधपुर में पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक अधिवक्ता के लिपिक को अन्य अधिवक्ता के लिपिक को भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर कथित रूप से धमकी देने को लेकर गिरफ्तार किया है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपूर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान दिया था।

लिपिक सोहिल खान ने महेन्द्र सिंह राजपुरोहित को व्हाट्स एप स्टेटस पर नुपूर शर्मा के समर्थन में छह जून को स्टेटस लगाने पर उसका सिर कलम करने की धमकी दी थी।

ग्रीष्मावकाश के बाद सोमवार को राजस्थान उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ जब पुन: खुली तो सोहिल खान ने फिर से धमकाया जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज करवाई गई और उसे बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया।

खान ने पहली बार धमकी उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की नृशंस हत्या से पूर्व दी थी। दर्जी द्वारा सोशल मीडिया पर विवादित बयान पोस्ट करने पर 28 जून को दो मुसलमानों ने उसकी धारदार हथियार से हत्या कर दी थी।

इसी तरह की मिलती जुलती एक घटना में राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ में व्हाट्सएप पर विवादित पोस्ट करने पर लिपिक नदीम ने लिपिक विक्रम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।

हालांकि उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने बुधवार को सुनवाई के दौरान विक्रम सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी तथा पुलिस को उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाने के निर्देश दिये।

विक्रम सिंह ने उदयपुर की घटना के विरोध में एक विवादित संदेश अधिवक्ता के लिपिकों के व्हाट्सएप ग्रुप में अग्रेषित कर दी थी। चूंकि यह संदेश आपत्तिजनक था, इसलिये सिंह ने त्वरित उसे हटा लिया एवं यह कहते हुए माफी मांग ली कि गलती से संदेश अग्रेषित हो गया है।

फिर भी साथी लिपिक नदीम ने सिंह के साथ उच्च न्यायालय परिसर में झगड़ा किया और उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाया। सिंह ने उच्च न्यायालय में उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खत्म करने की अर्जी लगाई जिसकी सुनवाई एकल पीठ के न्यामूर्ति बिरेन्द्र कुमार ने बुधवार को की।

उच्च न्यायालय ने परिवादी की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए पुलिस को उन्हें और उनके परिजन को समुचित सुरक्षा मुहैया करवाने के निर्देश दिये।

अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ याचिकाकर्ता को दर्ज प्राथमिकी में अगले आदेश तक गिरफ्तार नहीं किया जाये और वह मामले की जांच में पूरा सहयोग करें।’’

भाषा सं कुंज

राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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