नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा दायर अडाणी-हिंडनबर्ग मामले के दलीलों पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा. याचिका में हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जांच समाप्त करने के लिए 6 महीने की अवधि के लिए समय बढ़ाने की मांग की गई थी.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ धनंजय यशवंत चद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की अगुवाई वाली पीठ शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करेंगे.
2 मार्च को, शीर्ष अदालत ने पूंजी बाजार नियामक SEBI को हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मद्देनजर अडाणी समूह द्वारा प्रतिभूति कानून के किसी भी उल्लंघन की जांच करने का निर्देश दिया था, जिसके कारण अडाणी ग्रुप को बाजार मूल्य के USD140 बिलियन से अधिक का भारी नुकसान हुआ था.
हालांकि समय बढ़ाने की SEBI की अर्जी का याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने विरोध किया है.
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक आवेदन में, SEBI ने प्रस्तुत किया कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, सत्यापित निष्कर्षों पर पहुंचने और जांच को समाप्त करने में और समय लगेगा.
SEBI ने आवेदन में यह भी कहा है कि मामले की जटिलता को देखते हुए ऊपर उल्लिखित 12 संदिग्ध लेन-देन के संबंध में वित्तीयों की गलतबयानी और विनियमों की धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए कम से कम 15 महीने का समय लेगा, लेकिन SEBI इसे छह महीने के भीतर समाप्त करने के लिए सभी उचित प्रयास कर रहा है.
SEBI ने मौजूदा नियामक ढांचे के आकलन के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति की स्थापना करने का भी अनिरोध किया था.
शीर्ष अदालत ने निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक पैनल का गठन किया था.
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