नई दिल्ली: एडमिरल करमबीर सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद एडमिरल आर हरि कुमार ने मंगलवार को भारतीय नौसेना के नए प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाल लिया.
एडमिरल कुमार बल की बागडोर संभालने से पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यरत थे.
दिल्ली के साउथ ब्लॉक में एडमिरल कुमार ने गार्ड ऑफ ऑनर हासिल करते हुए कहा कि ‘नौसेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालना मेरे लिए सम्मान की बात है. भारतीय नौसेना का ध्यान हमारे राष्ट्रीय समुद्री हितों और चुनौतियों पर है.’
12 अप्रैल 1962 को जन्मे एडमिरल कुमार, एक जनवरी 1983 को भारतीय नौसेना की कार्यकारी शाखा में सेवा में शामिल हुए थे. लगभग 39 सलों की अपनी लंबी और विशिष्ट सेवा के दौरान, एडमिरल कुमार ने विभिन्न कमानों, स्टाफ और निर्देशात्मक नियुक्तियों में सेवा दी है.
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एडमिरल कुमार की समुद्री कमान में तैनातियों में भारतीय नौसैन्य पोत (आईएनएस) निशंक, मिसाइल से सुसज्जित लड़ाकू जल पोत आईएनएस कोरा और निर्देशित-मिसाइल विध्वसंक आईएनएस रणवीर शामिल हैं.
उन्होंने भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विराट की भी कमान संभाली है. एडमिरल कुमार पश्चिमी बेड़े के फ्लीट ऑपरेशन ऑफिसर (एफओसी) के पद पर भी रहे हैं. पश्चिमी नौसैन्य कमान में एफओसी का प्रभार संभालने से पहले, वह मुख्यालय की एकीकृत कर्मचारी समिति और एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख भी रहे हैं.
एडमिरल कुमार ने अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज, महू के आर्मी वॉर कॉलेज और ब्रिटेन के रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज से कई पाठ्यक्रम पूरे किए हैं. उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और विशिष्ट सेवा मेडल (वीएसएम) से सम्मानित किया गया है.
एडमिरल कुमार ने मनोरमा न्यूज को बताया कि ‘मेरे मामा विंग कमांडर एस.के.जे. नायर, भाई भारतीय सेना के कैप्टन एच. मुरलीधरन और मेजर जनरल आर.पी.भद्रन ने मुझे सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने मुझे राष्ट्रीय रक्षा अकैडमी की प्रवेश परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित किया था.’
स्नेहेश एलेक्स फिलिप के इनपुट से.
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