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Friday, 22 November, 2024
होमदेशयूपी के फतेहपुर में पत्रकार 'जल सत्याग्रह' के जरिए मांग रहे इंसाफ, प्रशासन ने कराई थी एफआईआर

यूपी के फतेहपुर में पत्रकार ‘जल सत्याग्रह’ के जरिए मांग रहे इंसाफ, प्रशासन ने कराई थी एफआईआर

दिप्रिंट से बातचीत में पत्रकार अजय भदौरिया ने बताया कि इस मुकदमे के विरोध में स्थानीय पत्रकारों ने एकजुट होकर जिला प्रशासन को 6 जून तक एफआईआर खारिज करने का समय दिया था.

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लखनऊ : यूपी के फतेहपुर जिले के पत्रकार अजय भदौरिया पर स्थानीय प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करा दी. जिसके खिलाफ जिले के तमाम पत्रकारों ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है. दरअसल पत्रकार अजय भदौरिया ने बीती 13 मई को दो ट्वीट किए थे, जिनमें उन्होंने एक नेत्रहीन दंपत्ति को लॉकडाउन में राशन से संबंधित दिक्कतों का जिक्र करते हुए जिले में चल रहे कम्यूनिटी किचन पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया.

दिप्रिंट से बातचीत में पत्रकार अजय भदौरिया ने बताया कि इस मुकदमे के विरोध में स्थानीय पत्रकारों ने एकजुट होकर जिला प्रशासन को 6 जून तक एफआईआर खारिज करने का समय दिया था. लेकिन उन्होंने एफआईआर नहीं हटाई और न ही पत्रकारों से मिलकर इसको लेकर संवाद किया. इसी कारण एक दर्जन से अधिक स्थानीय पत्रकारों ने एकजुट होकर यहां की गंगा नदी में उतरकर जल सत्याग्रह शुरू कर दिया. पत्रकारों का कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं सुनी गईं तो जिले के सारे पत्रकार मिलकर प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

अजय के मुताबिक, उन्होंने पत्रकार होने का फर्ज निभाते हुए ट्वीट किया था, ताकि जिन लोगों को लॉकडाउन में राशन या खाना नहीं मिल पा रहा है उनकी मदद हो जाए. लेकिन प्रशासन ने उन पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया. इससे पहले विवेक मिश्रा नाम के पत्रकार पर गोशाला का हाल दिखाने पर कुछ महीनों पहले फतेहपुर प्रशासन द्वारा मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है. ऐसे मेंं पत्रकारों पर हो रहे उत्तपीड़न से साथी पत्रकार आक्रोषित हैं. इसी कारण उन्होंने जल सत्याग्रह शुरू किया है.

क्या है मामला

दरअसल लॉकडाउन के दौरान ग़रीबों के लिए चलाई जाने वाली कम्युनिटी किचन बंद होने की ख़बर ट्विटर पर चलाने वाले पत्रकार अजय भदौरिया व अन्य के ख़िलाफ़ ज़िला प्रशासन ने लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप सहित (आईपीसी) 505, 385, 188, 270 व 269 धारा में मुक़दमा दर्ज किया . इसके अलावा आपराधिक षडयंत्र की धारा 120 बी भी लगा दी. एफआईआर कॉपी में पत्रकार पर ये आरोप लगाया कि झूठी खबर के कारण महामारी फैलने का खतर बढ़ गया और आरोपी संगठित गिरोह बनाकर छवि धूमिल करने के लिए काम करता है.


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जब दिप्रिंट ने डीएम संजीव सिंह से इस संबंध में बात करने की कोशिश की तो कोई जवाब नहीं आया. वहीं
एसपी प्रशांत वर्मा के पीआरओ संदीप तिवारी ने कहा कि साहब जल्द ही आपसे बात करेंगे. अगर फोन आता है तो खबर अपडेट कर दी जाएगी.

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