नई दिल्ली: कालापानी और लिपुलेख को लेकर भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद के बीच, बॉलीवुड अदाकारा मनीषा कोइराला ने इन दोनों क्षेत्रों को अपने नक्शे के हिस्से के रूप में दिखाने के लिए नेपाली सरकार के कदम का समर्थन किया है.
सोमवार को कोइराला ने नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली के ट्वीट का जवाब दिया, जिसमें देश के आधिकारिक नक्शे में दो विवादित क्षेत्रों को शामिल करने की जानकारी दी गई थी. उन्होंने इस के लिए नेपाली सरकार को धन्यवाद भी दिया.
नेपाली मूल की कोइराला ने भारत, नेपाल और चीन का जिक्र करते हुए कहा कि वह ‘सभी तीन महान देशों’ के बीच शांतिपूर्ण और सम्मानजनक बातचीत की उम्मीद करती हैं.
Thank you for keeping the dignity of our small nation..we all are looking forward for a peaceful and respectful dialogue between all three great nations now ? https://t.co/A60BZNjgyK
— Manisha Koirala (@mkoirala) May 18, 2020
ग्यावली ने ट्वीट में कहा कि मंत्रिपरिषद ने अपने सात प्रांतों, 77 जिलों और 753 स्थानीय प्रशासनिक प्रभागों को दिखाते हुए देश का एक नया नक्शा प्रकाशित करने का निर्णय लिया है, जिसमें ‘लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी’ शामिल हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आधिकारिक मानचित्र जल्द ही देश के भूमि प्रबंधन मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किया जाएगा.
हालांकि इससे एक दिन पहले ही उन्होंने कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत सरकार द्वारा नेपाल को परीक्षण किट और चिकित्सा रसद प्रदान करने के लिए धन्यवाद कहा था.
Sincere thanks to the Government of India for providing medical logistics and testing kits for 30,000 tests which were handed over to the Ministry of Health and Population today as a part of ongoing cooperation to fight the pandemic.
— Pradeep Gyawali (@PradeepgyawaliK) May 17, 2020
भारत -नेपाल के बीच सीमावर्ती तनाव
नवंबर 2019 में, भारत के गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक नए नक्शे में कालापानी क्षेत्र को शामिल किया गया था जिस पर नेपाल अपना दावा करता रहा है. इस कदम से नेपाल सरकार नाराज हो गई थी.
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नेपाल का यह भी दावा है कि लिपुलेख दर्रा उसके क्षेत्र में आता है जो देश के धारचूला जिले में सुदूर पश्चिम प्रदेश में स्थित है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कैलाश मानसरोवर जाने के लिए 80 किलोमीटर लम्बी सड़क का उद्घाटन किया जो लिपुलेख दर्रे पर समाप्त होती है, जिस पर नेपाल सरकार द्वारा आपत्ति जताई गई थी.
भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरावणे ने पिछले हफ्ते टिप्पणी करते हुए कहा था कि सीमावर्ती सड़क के खिलाफ नेपाल का विरोध ‘किसी और‘ (चीन के संदर्भ में) के इशारे पर हुआ था. इससे भारत और नेपाल के बीच तनाव और बढ़ गया.
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धारचूला जिला नहीं है।