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Monday, 11 November, 2024
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कालापानी और लिपुलेख को नेपाल में दिखाने वाले नक्शे का मनीषा कोइराला ने किया समर्थन

मनीषा कोईराला ने नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली के ट्वीट का जवाब देते हुए उनका धन्यवाद कहा जिसमें कालापानी और लिपुलेख को नेपाल के आधिकारिक मानचित्र में शामिल करने की जानकारी दी गई थी.

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नई दिल्ली: कालापानी और लिपुलेख को लेकर भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद के बीच, बॉलीवुड अदाकारा मनीषा कोइराला ने इन दोनों क्षेत्रों को अपने नक्शे के हिस्से के रूप में दिखाने के लिए नेपाली सरकार के कदम का समर्थन किया है.

सोमवार को कोइराला ने नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली के ट्वीट का जवाब दिया, जिसमें देश के आधिकारिक नक्शे में दो विवादित क्षेत्रों को शामिल करने की जानकारी दी गई थी. उन्होंने इस के लिए नेपाली सरकार को धन्यवाद भी दिया.

नेपाली मूल की कोइराला ने भारत, नेपाल और चीन का जिक्र करते हुए कहा कि वह ‘सभी तीन महान देशों’ के बीच शांतिपूर्ण और सम्मानजनक बातचीत की उम्मीद करती हैं.

ग्यावली ने ट्वीट में कहा कि मंत्रिपरिषद ने अपने सात प्रांतों, 77 जिलों और 753 स्थानीय प्रशासनिक प्रभागों को दिखाते हुए देश का एक नया नक्शा प्रकाशित करने का निर्णय लिया है, जिसमें ‘लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी’ शामिल हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आधिकारिक मानचित्र जल्द ही देश के भूमि प्रबंधन मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किया जाएगा.

हालांकि इससे एक दिन पहले ही उन्होंने कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत सरकार द्वारा नेपाल को परीक्षण किट और चिकित्सा रसद प्रदान करने के लिए धन्यवाद कहा था.

भारत -नेपाल के बीच सीमावर्ती तनाव

नवंबर 2019 में, भारत के गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक नए नक्शे में कालापानी क्षेत्र को शामिल किया गया था जिस पर नेपाल अपना दावा करता रहा है. इस कदम से नेपाल सरकार नाराज हो गई थी.


यह भी पढ़ें: भारत के साथ विवादित क्षेत्रों को नेपाल ने अपने नक्शे पर दी स्वीकृति, लिपुलेख और कालापानी को किया शामिल


नेपाल का यह भी दावा है कि लिपुलेख दर्रा उसके क्षेत्र में आता है जो देश के धारचूला जिले में सुदूर पश्चिम प्रदेश में स्थित है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कैलाश मानसरोवर जाने के लिए 80 किलोमीटर लम्बी सड़क का उद्घाटन किया जो लिपुलेख दर्रे पर समाप्त होती है, जिस पर नेपाल सरकार द्वारा आपत्ति जताई गई थी.

भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरावणे ने पिछले हफ्ते टिप्पणी करते हुए कहा था कि सीमावर्ती सड़क के खिलाफ नेपाल का विरोध ‘किसी और‘ (चीन के संदर्भ में) के इशारे पर हुआ था. इससे भारत और नेपाल के बीच तनाव और बढ़ गया.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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