पुणे, छह फरवरी (भाषा) छत्रपति शिवाजी महाराज के 1666 में आगरा के किले से बच निकलने संबंधी टिप्पणी करने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे अभिनेता राहुल सोलापुरकर ने बतौर न्यासी भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट से इस्तीफा दे दिया।
संस्थान के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सोलापुरकर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
कई मराठी फिल्मों में काम कर चुके सोलापुरकर ने हाल में एक ‘पॉडकास्ट’ में कहा था कि 17वीं शताब्दी के योद्धा शिवाजी महाराज, मुगल बादशाह औरंगजेब के अधिकारियों को रिश्वत देकर आगरा किले से बच निकले थे, न कि मिठाई की टोकरी में बैठ कर।
सोलापुरकर के बयान का वीडियो वायरल होने के बाद, शहर के मराठा संगठनों ने मंगलवार को संस्थान के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि संस्थान उन्हें न्यासी के रूप में इस्तीफा देने के लिए कहे।
बाद में सोलापुरकर ने कहा कि ‘‘रिश्वत’’ शब्द का इस्तेमाल करने और छत्रपति शिवाजी का सम्मान करने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने को लेकर उन्हें खेद है।
मराठा शासक के वंशज एवं भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले ने कहा कि ऐसी टिप्पणी करने वालों को गोली मार देनी चाहिए, जबकि उनकी पार्टी के विधायक सुरेश धस ने कहा कि लोग सोलापुरकर को जहां भी देखें, उनकी पिटाई कर दें।
वर्ष 1666 में, शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी चकमा देकर आगरा किले से बच निकले थे। मुगल दरबार में जाने के बाद कैद कर उन्हें वहां रखा गया था।
भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, एक विश्व प्रसिद्ध शोध संस्थान है जिसे महाराष्ट्र सरकार से धन प्राप्त होता है।
भाषा सुभाष पवनेश
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