नई दिल्ली: महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने शनिवार को कहा कि आर्यन खान के खिलाफ आरोपों में कोई सच्चाई नहीं थी और इसीलिए चार्जशीट से उसका नाम हटा दिया गया है.
पाटिल ने आगे कहा कि मेरे ख्याल से केंद्र भी इस मामले में संज्ञान लिया है और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी दी है.
गृह मंत्री ने आगे कहा, ‘अगर कोई किसी बेगुनाह को झूठा फंसा रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. मुझे लगता है कि जिस तरह से उन्होंने इस मामले को संभाला, उस पर एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.’
वहीं, एनसीबी द्वारा आर्यन खान को क्लीन चिट देने के मामले पर शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ट्वीट कर पूछा है, ‘उन्हें बिना सबूत के 25 दिनों के लिए कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है.’
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को क्रूज जहाज पर ड्रग्स मिलने के मामले में शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी. पिछले साल हुए इस मामले में गिरफ्तारी के बाद आर्यन को 22 दिन जेल में बिताने पड़े थे.
एनसीबी के अधिकारियों ने कहा कि आर्यन खान और पांच अन्य को ‘पर्याप्त सबूतों के अभाव’ के चलते आरोप पत्र में नामजद नहीं किया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि एनसीबी के विशेष जांच दल (एसआईटी) को जांच में ‘गंभीर अनियमितताएं’ और गलतियों के बारे में पता चला.
उन्होंने कहा कि आर्यन को गिरफ्तार करने वाली एनसीबी की टीम ने आरोपी की स्वास्थ्य जांच, छापेमारी की वीडियो रिकॉर्डिंग और व्हाट्सऐप चैट में मिले सबूतों की पुष्टि जैसे नियमों का पालन नहीं किया.
एनसीबी प्रमुख एस.एन. प्रधान ने दिल्ली में कहा था कि जांच में कुछ ‘खामियां’ पाई गईं और अदालत में आरोपों को साबित करने के लिए आरोपी के व्हाट्सएप चैट में कोई ‘पक्का सबूत’ नहीं था.
एनसीबी ने शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत में 14 आरोपियों के खिलाफ 6 हजार पृष्ठ का आरोप पत्र दाखिल किया. हालांकि आर्यन खान समेत छह लोगों के खिलाफ सबूतों के अभाव के चलते आरोप नहीं लगाए गए.
प्रधान ने कहा, ‘आरोप पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख तक हमारी विशेष जांच टीम को जो कुछ भी मिला, उसके आधार पर हमने आरोप पत्र दाखिल किया है.’
उन्होंने कहा, ‘हमने सबूत के सिद्धांत के आधार पर जांच की.’
प्रधान ने कहा, ‘हमें 14 लोगों के खिलाफ भौतिक और परिस्थितिजन्य साक्ष्य मिले और छह के खिलाफ सबूत अपर्याप्त थे.’
उन्होंने कहा, ‘हमने शुरुआती जांच के दौरान मिले सभी तथ्यों पर विचार किया और (आर्यन के खिलाफ) कोई ठोस सबूत नहीं मिला.’
यह पूछे जाने पर कि क्या शाहरुख खान से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा, ‘कुछ संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की गई लेकिन उनके नाम नहीं बताए जा सकते.’
आर्यन खान के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है.
उन्होंने कहा, ‘मैं राहत महसूस कर रहा हूं, और मेरे मुवक्किल शाहरुख खान भी राहत महसूस कर रहे होंगे. सच्चाई की जीत हुई है. आखिरकार, इस युवक (आर्यन खान) पर आरोप लगाने या उसे गिरफ्तार करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला.’
उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा कि एनसीबी ने अपनी गलती स्वीकार की और महसूस किया कि आर्यन खान के खिलाफ आगे बढ़ने का कोई कारण नहीं है.
आर्यन खान के वकील सतीश मानशिंदे ने मुंबई में कहा कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया जाना और तीन हफ्ते से अधिक समय जेल में रखा जाना अनुचित था क्योंकि उनके पास से कोई ड्रग्स नहीं मिला था.
भाषा के इनपुट से
यह भी पढ़ेंः आर्यन खान मामले में एनसीबी के गवाह प्रभाकर सैल की ‘दिल का दौरा’ पड़ने से मौत