(सुमीर कौल )
चेन्नई/नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) जम्मू-कश्मीर की तेजाब पीड़ित महिला के परिवार के सदस्यों का कहना है कि वह पुरानी घटना को याद करके आज भी रात के अंधेरे में सिसकती और आंसू बहाती है। उन्होंने बताया कि एक फरवरी को हुए तेजाब हमले की यादें उसे अब भी सताती हैं। चेन्नई स्थित आंख के विशेष अस्पताल में भर्ती पीड़िता अब भी अपनी आंख की रोशनी लौटने और उजाला देखने का इंतजार कर रही है।
पीड़िता की बहन 22 वर्षीय अरिजू निसार कहती हैं, ‘‘हम एक फरवरी से उसके साथ हैं, यह वही दुर्भाग्यपूर्ण तारीख है जब श्रीनगर में एक राक्षस ने मेरी बहन के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया था, वह दिन हमें डराता है।’’ परिवार व्यवसायी से राजनेता बने एक शख्स का शुक्रगुजार है जिसने इलाज का पूरा खर्च वहन किया। यह राजनेता अपना नाम सार्वजनिक नहीं करना चाहते। परिवार ने जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रति भी आभार जताया है कि उसने उन्हें चेन्नई पहुंचाया। रिकॉर्ड समय में मामले की जांच पूरी करने के लिए परिवार ने पुलिस के प्रति भी आभार जताया।
पीड़िता के पिता निसार चिल्लू कहते हैं, ‘‘मुझे यकीन है कि दोषियों को सजा दी जायेगी और इस सजा से ऐसी मानसिकता वाले दूसरे लोग भी डरेंगे।’’ अरिजू का कहना है कि उसकी बहन की अब तक छह बड़ी और छोटी सर्जरी हो चुकी हैं, लेकिन जब उसने सुना कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सभी तीन आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है, तो उसे सुकून मिला।
अरिजू ने दबी जुबान में कहा, ‘‘उसे रात में नींद नहीं आती थी, वह अक्सर रात के अंधेरे में चीखते हुए जग जाती थी। चीखने के दौरान वह परिवार के सदस्यों से खुद को उस राक्षस से बचाने की गुहार लगाती है जिसने तेजाब फेंककर उसका चेहरा खराब कर दिया।’’ उसने कहा कि उसने अपनी बहन को पुलिस आरोपपत्र के बारे में बताया था।
अरिजू ने कहा कि आम तौर पर उसकी बहन घटना के बाद से चुप रहती है, लेकिन आरोपपत्र दाखिल होने के दिन उसे उम्मीद थी कि उसे न्याय जल्द ही मिलेगा। चचेरे भाई सज्जाद मिसगर, जो परिवार के साथ चेन्नई में हैं, ने कहा कि बायीं आंख तेजाब के प्रभाव से बुरी तरह सिकुड़ गई है, इसलिए आंख की रोशनी लौटने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
मिसगर ने कहा कि चिकित्सक अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं और उसे स्टेम सेल उपचार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंखों की सर्जरी के अलावा उसके चेहरे को ठीक करने के लिए तीन त्वचा संवर्धन प्रक्रियाएं शुरू की गई हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में तीन लोगों, साजिद अल्ताफ राथर और मोहम्मद सलीम कुमार उर्फ तोता और एक किशोर के खिलाफ 1,000 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया है। पुलिस ने संशोधित किशोर न्याय के अनुसार किशोर के खिलाफ वयस्क के रूप में व्यवहार करने का अनुरोध किया है।
श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश बलवाल ने कहा कि हम अदालत से अनुरोध करेंगे कि यदि प्रतिदिन सुनवाई संभव नहीं हो सके, तो त्वरित गति से सुनवाई की जाये। बलवाल ने कहा कि इस मामले में अधिकतम सजा उम्रकैद और न्यूनतम 10 साल के कारावास की है, लेकिन हम अधिकतम सजा के लिए प्रयास करेंगे ताकि यह समाज में एक निवारक के रूप में काम करे।
भाषा
संतोष प्रशांत
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