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अलप्पुझा (केरल), 23 जुलाई (भाषा) केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह उनके गृहनगर अलप्पुझा लाया गया, रास्ते में प्रशंसकों की भारी भीड़ के कारण पार्थिव शरीर लाए जाने में देरी हुई।
मार्क्सवादी नेता अच्युतानंदन को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग शोकसभा में शामिल होने आए और इस अप्रत्याशित भीड़ के कारण उनकी अंतिम यात्रा के कार्यक्रम में देरी हुई। अच्युतानंदन ने आठ दशक के अपने राजनीतिक जीवन में श्रमिक वर्ग के उत्थान के अथक प्रयास किए।
अच्युतानंदन के पार्थिव शरीर को ला रही बस ने मंगलवार दोपहर दो बजे तिरुवनंतपुरम से तटीय शहर के लिए अपनी यात्रा शुरू की थी। यह बस बुधवार सुबह पौने सात बजे अलप्पुझा जिले में प्रवेश कर पाई।
लगभग 150 किलोमीटर की इस यात्रा में आमतौर पर चार घंटे का समय लगता है लेकिन अपने नेता की अंतिम झलक पाने के लिए सड़क किनारे एकत्र हुई आम लोगों एवं अच्युतानंदन के प्रशंसकों की भारी भीड़ के कारण बस को पहुंचने में करीब 17 घंटे लग गए।
रात और बारिश की परवाह किए बिना हजारों लोग हाथों में फूल लेकर सड़कों पर खड़े रहे ताकि वे अपने नेता को श्रद्धांजलि दे सकें।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि अच्युतानंदन का अंतिम संस्कार बुधवार को वलिया चुडुकाडु स्थित सार्वजनिक श्मशान घाट में होगा।
अच्युतानंदन का सोमवार दोपहर तीन बजकर 20 मिनट पर पट्टोम एसयूटी अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उनका 23 जून को हृदयाघात के बाद से अस्पताल में इलाज किया जा रहा था।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक सदस्य अच्युतानंदन श्रमिकों के अधिकारों, भूमि सुधारों और सामाजिक न्याय के जीवन भर पक्षधर रहे।
उन्होंने 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री के रूप में सेवांए दीं और राज्य विधानसभा के लिए सात बार चुने गए जिनमें से तीन बार वह विपक्ष के नेता रहे।
भाषा सिम्मी शोभना
शोभना
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