बेलगावी (कर्नाटक), 19 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक में भाजपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) सी टी रवि को बृहस्पतिवार को विधान परिषद में मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के लिए अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। यह जानकारी पुलिस ने दी।
रवि को सुवर्ण विधान सौध परिसर से पुलिस वैन में ले जाया गया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंत्री द्वारा दी गई एक शिकायत के आधार पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 75 (यौन उत्पीड़न) और 79 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द, इशारा या कृत्य) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।
रवि ने आरोपों को झूठा बताते हुए इसका खंडन किया है और प्रदर्शन किया, वहीं कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हेब्बालकर ने विधान परिषद के सभापति से एक शिकायत की है।
कर्नाटक विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन बृहस्पतिवार को काफी हंगामा हुआ। राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने सी. टी. रवि पर विधान परिषद में उनके खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। रवि पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं।
जब संवाददाताओं ने घटना के बारे में उनसे पूछा तो हेब्बालकर ने केवल इतना कहा, ‘‘मैं दुखी हूं….।’’
इससे पहले, हेब्बालकर के समर्थक होने का दावा करते हुए बेलगावी से आए लोगों का एक समूह यहां सुवर्ण विधान सौध परिसर में रवि की ओर गुस्से में बढ़ा, लेकिन सुरक्षा कर्मचारियों ने उन्हें रोक दिया। कुछ लोगों ने रवि के खिलाफ बाहर प्रदर्शन भी किया, जिन्हें पुलिस ने तुरंत वहां से हटा दिया।
कांग्रेस नेताओं के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बी आर आंबेडकर संबंधी बयान को लेकर हंगामे के बाद सभापति बसवराज होरट्टी द्वारा सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित किए जाने के बाद दोनों नेताओं के बीच हुई कहासुनी के दौरान रवि ने हेब्बालकर के लिए कथित तौर पर अपमानजनक शब्द का कई बार इस्तेमाल किया।
कांग्रेस के विधान पार्षद यतींद्र सिद्धरमैया ने पत्रकारों से कहा कि यह घटना सभापति द्वारा सदन स्थगित किए जाने के बाद हुई और वह उस समय हेब्बालकर से दो पंक्ति पीछे खड़े थे।
उन्होंने कहा कि हेब्बालकर और रवि के बीच वाकयुद्ध हुआ और जब उन्होंने (हेब्बालकर) उनके (रवि) खिलाफ कुछ टिप्पणियां कीं, तो उन्होंने (रवि) उनके (हेब्बालकर) खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि एक एमएलसी इस तरह के शब्द का इस्तेमाल कर सकता है और पुष्टि होने तक इंतजार किया। बाहर निकलते हुए उन्हें उस शब्द का इस्तेमाल करते सुना जा सकता था। बाद में हेब्बालकर खुद आईं और हममें से कुछ लोगों को पीड़ा के साथ इस बारे में बताया।’’
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बेटे यतींद्र ने कहा, ‘‘हमने सभापति से शिकायत की है और उनके (रवि) निष्कासन की मांग की है। सभापति ने ऑडियो और वीडियो की पुष्टि के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।’’
इस बीच, रवि ने हेब्बालकर के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने के आरोपों पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘उनके (हेब्बालकर) आरोप झूठे हैं, ऑडियो और वीडियो की पुष्टि होने दीजिए, उसके बाद मैं बोलूंगा। मैं अभी कुछ नहीं कहूंगा। इस सवाल का जवाब देने का यह सही समय नहीं है। मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो किसी को व्यक्तिगत रूप से अपशब्द कहे। मैंने उन्हें अपशब्द नहीं कहे हैं, मुझे नहीं पता कि उन्हें ऐसा क्यों लगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे कुछ नहीं कहा है…मैंने उनके खिलाफ कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है, जैसा कि वह दावा कर रही हैं।’’
बाद में रवि ने भाजपा के अपने कुछ सहयोगियों के साथ विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि झूठे आरोप के आधार पर सुवर्ण विधान सौध में उन पर हमला करने की कोशिश की गई और उन्होंने इसे ‘गुंडा राज’ करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैंने इस तरह के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है, तो उसे दिखाएं….पुलिस की एक जांच होनी चाहिए, लक्ष्मी हेब्बालकर झूठे आरोप लगा रही हैं, उनके उकसावे पर लोग उनके पक्ष में और मेरे खिलाफ नारे लगाने आए थे।’’
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से बात करते हुए हेब्बालकर के खिलाफ रवि की कथित टिप्पणी को ‘‘ओछा’’ करार दिया और कहा कि यह अपराध है।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (रवि ने) लक्ष्मी हेब्बालकर, जो मेरे मंत्रिमंडल में मंत्री हैं, के लिए बहुत ही गंदे शब्द का इस्तेमाल किया है और यह अपराध है। उन्होंने (हेब्बालकर) सभापति और पुलिस से शिकायत की है। पुलिस कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी।’’
जब उनसे कहा गया कि रवि ने आरोपों से इनकार किया है, तो मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हर कोई कह रहा है कि उन्होंने (रवि) दस बार इस शब्द का इस्तेमाल किया, मुझे नहीं पता, मैं परिषद में नहीं था। परिषद के सदस्य आए और उन्होंने मुझे बताया कि रवि ने एक गंदे शब्द का इस्तेमाल किया है। लक्ष्मी हेब्बालकर दुखी हैं, यह एक तरह से उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न है।’’
हेब्बालकर की शिकायत पर सभापति होरट्टी ने परिषद सचिवालय के कर्मचारियों से घटना से संबंधित वीडियो और ऑडियो की जांच करने को कहा।
हालांकि, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रिकॉर्डिंग टीम ने उन्हें बताया कि घटना के समय उन्होंने रिकॉर्डिंग बंद कर दी थी, क्योंकि सदन स्थगित हो चुका था।
बाद में, जब परिषद की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो सभापति ने कहा कि उन्होंने हेब्बालकर और कांग्रेस एमएलसी उमाश्री, बलकिस बानू, यतींद्र सिद्धरमैया और नागराज यादव की अपने चैंबर में बात सुनी, जिन्होंने रवि पर अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए अपने बयान दिए।
उन्होंने कहा कि बाद में, रवि ने भी उनसे मुलाकात की और कहा कि उन्होंने कोई अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन दावा किया कि उन्होंने केवल उनसे कहा था कि वह ‘‘हताश’’ हैं।
सभापति ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले कार्यवाही के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, ‘‘मेरे लंबे राजनीतिक जीवन में, मैंने कभी ऐसा मामला नहीं देखा, जिसमें सदस्यों द्वारा सदन के अंदर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया हो। मेरा मानना है कि कोई भी महिला सार्वजनिक रूप से यह झूठा आरोप नहीं लगाएगी कि उसके खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि, मैं शिकायतकर्ता और जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है, उससे आत्मनिरीक्षण करने का अनुरोध करता हूं। निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते हमें समाज में आदर्श बनने की जरूरत है क्योंकि लोग हमें देखते हैं।’’
भाषा अमित वैभव
वैभव
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