लखनऊ/गोरखपुर, चार अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के बाहर पुलिस के जवानों पर किया गया हमला एक गंभीर साजिश का हिस्सा है और उपलब्ध तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि यह आतंकी घटना है। इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गये थे।
लखनऊ में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हमलावर व्यक्ति आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए बदनीयती से मंदिर परिसर में घुसने का प्रयास कर रहा था, जिसे पीएसी एवं पुलिस के जवानों ने नाकाम कर दिया।
अधिकारियों ने कहा कि इस घटना में हमलावर ने पीएसी के दो जवानों को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की विवेचना उप्र एटीएस को सौंपे जाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि उप्र एटीएस व उप्र एसटीएफ दोनों एजेंसियों को घटना का खुलासा करने के लिए संयुक्त रूप से कार्य करने का भी निर्देश दिया गया है तथा दोनों एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी गोरखपुर पहुंच चुके हैं।
अवस्थी ने बताया कि हमले को नाकाम करने वाले पीएसी के जवानों गोपाल गौड़ व अनिल पासवान तथा नागरिक पुलिस के जवान अनुराग राजपूत को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच लाख रुपये इनाम के रूप में दिए जाने की घोषणा की है।
अवस्थी ने कहा कि आरोपी के लैपटॉप और मोबाइल की गंभीरता से जांच की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि वह किन लोगों से जुड़ा रहा है।
गोरखपुर में अधिकारियों ने कहा कि हमलावर को दिन में एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंचे और उन्होंने बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर हमले में घायल पुलिस जवानों की कुशलक्षेम पूछी।
प्रेसवार्ता के दौरान अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि रविवार शाम मंदिर के द्वार संख्या-1 पर आरोपी द्वारा किए गए हमले में दो जवानों को गंभीर चोटें आयी हैं।
उन्होंने बताया कि आरोपी के पास से कई संदिग्ध वस्तुएं बरामद हुईं हैं, जिसको देखकर लगता है कि यह एक गंभीर साजिश का हिस्सा था।
कुमार ने कहा कि आरोपी के पास से जो दस्तावेज बरामद हुए हैं, वे काफी सनसनीखेज हैं। उन्होंने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है।
कुमार ने कहा कि एक मामला पुलिस पर हमले के संबंध में गोरखनाथ पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है, जबकि धारदार हथियार के इस्तेमाल के संबंध में एक और मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर आरोपी मंदिर में प्रवेश करने में कामयाब हो जाता तो भक्तों को नुकसान होता और स्थिति अनियंत्रित हो जाती।
अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान मुर्तजा अब्बासी के रूप में हुई है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने रविवार को ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाकर जबरन मंदिर परिसर में घुसने की कोशिश की।
वहीं, गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा ने सोमवार को कहा, “रविवार शाम को एक हमलावर ने गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने का प्रयास किया और मंदिर में तैनात पुलिस ने सतर्कता से हमले को रोक दिया, जिसमें दो पुलिस आरक्षी और हमलावर घायल हो गए और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।”
टाडा ने बताया कि हमलावर के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसएसपी ने बताया कि हमलावर से प्राप्त जानकारी की पुष्टि के लिए कई पुलिस टीम को अन्य जिलों में भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरोपी के कब्जे से बरामद सामान, उसके परिवार, रिश्तेदारों और पृष्ठभूमि की भी जांच की जा रही है और जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि गोरखनाथ मंदिर नाथ संप्रदाय की सर्वोच्च पीठ है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पीठ के महंत हैं। जानकारों के अनुसार गोरक्ष पीठ की स्थापना 11वीं शताब्दी में हुई। मकर संक्रांति के अवसर पर यहां एक माह चलने वाला विशाल मेला लगता है जो ‘खिचड़ी मेला’ के नाम से प्रसिद्ध है।
गोरखपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अखिल कुमार ने पहले बताया था कि इस हमले में आरक्षी गोपाल कुमार गौड़ और अनिल पासवान घायल हो गये। दोनों को गुरु गोरखनाथ अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
एडीजी ने बताया था कि इस दौरान वह व्यक्ति भी घायल हो गया और उसका भी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
मंदिर के गेट के पास तैनात एक ट्रैफिक कांस्टेबल (यातायात आरक्षी) रमेश सिंह ने बताया, ‘हमें समझ में नहीं आया कि वह अचानक क्यों आया और मंदिर के गेट पर तैनात पीएसी कांस्टेबल पर हमला कर दिया।’
गोरखनाथ मंदिर के कर्मचारी विनय कुमार गौतम ने कहा कि एक व्यक्ति ने मंदिर के गेट पर एक धार्मिक नारा लगाया और दो पीएसी कांस्टेबल को धारदार हथियार से घायल कर दिया और वह हथियार को गमछे में छिपा रहा था।
उल्लेखनीय है कि हमलावर युवक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई से 2015 में केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुका है।
भाषा जफर आनन्द सं शफीक
शफीक
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