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Friday, 22 November, 2024
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एबीवीपी के कार्यकर्ता नागरिकता कानून का विरोध नहीं कर रहे हैं, ये एक फेक फोटो है

एबीवीपी असम से होने का दावा करने वाले छात्रों की एक तस्वीर, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ एक बैनर पकड़े हुए वास्तव में एक समर्थक सीएए विरोध से है.

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नई दिल्ली: इंटरनेट पर कुछ एबीवीपी छात्रों की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें वे नागरिकता कानून के खिलाफ एक बैनर लिए खड़े हैं. फोटो में कई एबीवीपी के झंडे पीछे दिख रहे हैं. बैनर पर लिखा है ‘हम नागरिकता संशोधन बिल, नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी के खिलाफ हैं.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही नीचे एबीवीपी असम का नाम लिखा है.

ट्विटर पर कामरान शहीद नाम के एक यूजर ने 1 जनवरी तड़के ये फोटो शेयर की थी. इसके बाद मुंबई से विधायक रह चुके एआईएमआईएम के वारिस पठान ने अपने वेरफीएड अकाउंट से ये तस्वीर पोस्ट की. इस तस्वीर को 1200 लाइक मिले हैं. हालांकि पठान ने बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.

लेखिका और पत्रकार सबा नक़वी ने भी ये तस्वीर अपने अकाउंट से 2 जनवरी की शाम को शेयर की और कहा कि दुनिया बदल रही है. हालांकि उन्होंने अपने अगले ट्वीट में ये भी कहा कि उन्हें इस तस्वीर की सत्यता की जानकारी नहीं है. पर तब तक ये तस्वीर 300 बार शेयर की जा चुकी थी. उन्होंने भी बाद में ट्वीट डिलीट कर दिया.

इसके अलावा भी कई फेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ने ये तस्वीर शेयर की और दावा किया कि अब असम में भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई एबीवीपी भी कानून का विरोध कर रही है.

क्या है सच?

ये तस्वीर एक प्रोटेस्ट की ही है और इसमें दिख रहे छात्र भी एबीवीपी के हैं पर पोस्टर पर जो लिखा था, वो बदल दिया गया है.

ये तस्वीर दरअसल एक नागरिकता कानून का समर्थन करने वाली एक रैली से है जो 18 दिसंबर को गुजरात के अहमदाबाद में हुई थी. यहां के छात्रों के पोस्टर पर ‘हम नागरिकता कानून का समर्थन करते हैं’, ये लिखा था. करीब 500 छात्र इस रैली में शामिल हुए थे.

नागरिकता कानून के विरोध में अभी भी देश भर में प्रदर्शन जारी हैं. दिल्ली के शाहीन बाग़ इलाके में सैकड़ों औरतें 15 से अधिक दिनों से दिन-रात शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही हैं. विवादित कानून को लेकर देश भर में कई जगह रैलियां और मार्च निकाले जा रहे हैं.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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