इंदौर (मध्यप्रदेश), 25 जनवरी (भाषा) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने इंदौर में पूर्व होलकर शासकों के महल राजबाड़ा पर मंगलवार को 882 वर्ग फुट का कपड़ा लगाया और दावा किया कि यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रतीकात्मक मास्क है।
परिषद की महानगर इकाई के अध्यक्ष पुनीत द्विवेदी ने बताया कि कोविड-19 की तीसरी लहर के बीच राजबाड़ा पर लगाए गए प्रतीकात्मक मास्क 21फुट चौड़ा एवं 42 फुट लंबा है और मास्क के उपयोग के जरिये महामारी से बचाव के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के लिए यह अनूठा प्रयोग किया गया है।
द्विवेदी ने बताया कि भारत के गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर किए गए इस प्रयोग को ‘‘दुनिया के सबसे बड़े मास्क’’ के कीर्तिमान की आधिकारिक मान्यता दिलाने के लिए अलग-अलग रिकॉर्ड एजेंसियों के सामने दावा पेश किया गया है।
चश्मदीदों के मुताबिक आसमानी नीले रंग के इस विशाल मास्क पर अभाविप के नाम और प्रतीक चिन्ह के साथ लिखा है-‘‘इंदौर ने ठाना है, हमें मास्क लगाना है’’।
इस बीच, विपक्षी कांग्रेस से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने राजबाड़ा पर अभाविप के प्रयोग को लेकर आपत्ति जताई है। एनएसयूआई की प्रदेश इकाई के विश्वविद्यालय प्रकोष्ठ के प्रभारी विकास नंदवाना ने आरोप लगाया,‘‘राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की शह के कारण अभाविप सस्ता प्रचार पाने के लिए राजबाड़ा सरीखी सरकार संरक्षित संपत्ति का खुलेआम दुरुपयोग कर रही है।’’
गौरतलब है कि इंदौर की हृदयस्थली कहा जाने वाला राजबाड़ा सरकार द्वारा संरक्षित ऐतिहासिक धरोहर है। अधिकारियों के मुताबिक पूर्व होलकर शासकों का यह महल पुनरुद्धार के कामों के चलते लम्बे समय से पर्यटकों के लिए बंद है।
भाषा हर्ष
राजकुमार
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