नई दिल्ली: तमाम विवादों में फंसने के बाद छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) ने आखिरकार कड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) के अध्यक्ष अंकिव बसोया को संगठन से निलंबित कर दिया है. संगठन ने बसोया की फर्जी डिग्री मामले की जांच पूरी होने तक छात्रसंघ अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने के लिए भी कहा है. बसोया बीते सितंबर में 2018 के लिए छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए थे.
बसोया ने इसी साल सितंबर में डूसू का चुनाव जीता था. उन्होंने तब खूब सुर्खियां बटोरीं जब कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ़ इंडिया (एनएसयूआई) ने बसोया की डिग्री को फ़र्जी करार दिया. अपनी बात को साबित करने के लिए एनएसयूआई ने तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय से प्राप्त हुए एक खत को सार्वजनिक किया था जिसमें विश्वविद्यालय ने अंकिव बसोया को उनके यहां का छात्र मानने से साफ़ इंकार कर दिया था.
छात्रों के संघर्ष, भावनाओं, उम्मीदों और डूसू की विश्वसनीयता को कायम रखने के मद्देनज़र एबीवीपी ने डूसू द्वारा वेरिफिकेशन पूरा होने तक अंकिव से उनके सभी पदों से इस्तीफ़ा मांगा है और साथ ही उन्हें संगठन से निलंबित भी कर दिया है. एबीवीपी की राष्ट्रीय मीडिया कन्वेनर मोनिका चौधरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके यह सूचना दी है.
इस पूरे मामले पर एबीवीपी राज्य सचिव भारत खटाना का कहना है कि एबीवीपी एक संगठन है जो हमेशा से ही विद्यार्थियों के हक़ में काम करता आया है. इस मामले ने डूसू की छवि को लगातार क्षति पहुंचाई है और छात्रों के फैसले पर सवाल भी खड़े किये हैं.
आपको बता दें कि एनएसयूआई इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट में लेकर गयी थी जिसने सोमवार को ही विश्वविद्यालय को अंकिव बसोया की जांच पूरा कर दस्तावेज़ सामने रखने का आदेश दिया था.
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘हम दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रशासन से आग्रह करते हैं कि जल्द से जल्द इस वेरिफिकेशन को पूरा किया जाए और इसके नतीजों को सार्वजनिक भी किया जाए. हम प्रशासन द्वारा हुए इस विलम्ब की निंदा करते हैं. जिसकी वजह से कितनी सारी गलत खबरें प्रसारित हुईं और यदि अंकिव इसमें दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें अवश्य ही कानूनी कार्यवाई का सामना करना होगा जो इस मामले से जुड़ी होंगी.’
एनएसयूआई ने फिर से चुनाव की मांग की
कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई ने एबीवीपी के इस कदम को ‘कायरतापूर्ण’ करार दिया है और साथ ही नए सिरे से चुनाव करने की मांग भी की है.
एनएसयूआई की राष्ट्रीय इनचार्ज रुचि गुप्ता ने कहा, ‘यह निर्णय बिलकुल ही दबाव में आकर लिया गया है क्योंकि हाईकोर्ट के आने वाले आदेश में 20 तारीख़ को बसोया को अध्यक्ष पद के लिए अयोग्य करार देने ही वाली थी. यदि डीयू प्रशासन इसी भांति एबीवीपी के हितों की रक्षा करता रहेगा तो हम इसके खिलाफ भी कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे.’
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