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गुरूवार, 3 जुलाई, 2025
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तृणमूल में वरिष्ठ बनाम युवा विवाद के बीच अभिषेक ने ममता से मुलाकात की

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कोलकाता, एक जनवरी (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी सोमवार शाम पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर गये।

सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं में ‘‘वरिष्ठ बनाम युवा’’ विवाद के बीच उनकी यह मुलाकात महत्वपूर्ण है। इस विवाद में वरिष्ठ नेता और युवा पदाधिकारी पार्टी मामलों को लेकर एक-दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक शाम लगभग छह बजे उनके कालीघाट आवास पर गए।

डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक के एक करीबी नेता ने कहा, ‘वह पार्टी प्रमुख से मिलने गए हैं। हमें बैठक के एजेंडे की जानकारी नहीं है।’

पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के बीच नेताओं के बीच विवाद बढ़ गया। पार्टी पिछले कुछ साल से इस मुद्दे से जूझ रही है और पिछले महीने इसमें एक नया मोड़ आया जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने युवा नेताओं से वरिष्ठ सदस्यों का सम्मान करने के लिए कहा। इसके साथ ही ममता ने इस दावे को भी खारिज कर दिया कि वरिष्ठों को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए।

लेकिन अभिषेक ने ‘कुशलता में गिरावट’ का हवाला देते हुए कहा कि राजनीति में सेवानिवृत्ति की आयु होनी चाहिए।

सोमवार को पार्टी के 27वें स्थापना दिवस के बीच आंतरिक मतभेद सामने आए और वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर कटाक्ष किया। इस पर नयी पीढ़ी के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

इस ताजा विवाद की शुरुआत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी (73) से हुई, जो पार्टी के पुराने सदस्य हैं और ममता बनर्जी के करीब हैं।

उन्होंने खुले तौर पर उम्मीद जताई कि डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक इस साल होने वाला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।

बख्शी ने यहां तृणमूल मुख्यालय में स्थापना दिवस कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘अभिषेक बनर्जी हमारे राष्ट्रीय महासचिव हैं। हमें यकीन है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे। अगर वह लड़ते हैं, तो वह ममता बनर्जी के नेतृत्व में लड़ेंगे।’

इस टिप्पणी पर अभिषेक के करीबी कुणाल घोष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने मांग की कि बख्शी अपने शब्द वापस लें।

ममता बनर्जी के करीबी वरिष्ठ नेता फिरहद हकीम और सुदीप बंदोपाध्याय ने अपने बयानों से बहस को तीखा बना दिया।

बंदोपाध्याय ने कहा, ‘पार्टी प्रमुख मुख्यमंत्री का पद छोड़ दें तो राज्य अस्त-व्यस्त हो जाएगा।’

उनके बयानों पर टिप्पणी करते हुए घोष ने 2021 के विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम में ममता बनर्जी के संघर्ष के दौरान वरिष्ठ नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘वरिष्ठ लोग ज्ञान दे रहे हैं कि युवा नेताओं को पार्टी का इतिहास जानना चाहिए। जब हमारी नेता ममता बनर्जी नंदीग्राम में चुनाव हार गईं तो वे क्या कर रहे थे?’

भाषा अविनाश माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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