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Monday, 4 November, 2024
होमदेशआधी रात को ED के दफ्तर क्यों पहुंची अभिषेक बनर्जी की साली, जांच एजेंसी ने क्या दिया जवाब

आधी रात को ED के दफ्तर क्यों पहुंची अभिषेक बनर्जी की साली, जांच एजेंसी ने क्या दिया जवाब

ममता बनर्जी की साली मेनका गंभीर से सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने कथित कोयला तस्करी घोटाले के सिलसिले में पूछताछ की, जिसे धन-शोधन निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज किया गया है.

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कोलकाला: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) महासचिव अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर सोमवार को आधी रात से कुछ देर बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर पहुंचीं.

मेनका दो 10 सितंबर को कथित कोयला घोटाले की जांच के सिलसिले में नोटिस जारी किया गया था और आधी रात 12 बजे हाज़िर होने के लिए कहा गया था.

लेकिन जब मेनका नोटिस हाथ में लिए जांच एजेंसी के दफ्तर पहुंचीं, तो उन्होंने दफ्तर को बंद पाया.

बाद में ईडी ने कहा कि नोटिस में गलती से दोपहर 12 की जगह आधी रात 12 बजे का समय लिख दिया गया था. एजेंसी ने फिर उन्हें 12 घंटे बाद पेश होने के लिए एक ताज़ा नोटिस जारी किया. मेनका से दोपहर के समय एजेंसी के कोलकाता ऑफिस में पूछताछ की गई.

शनिवार शाम, अभिषेक बनर्जी की रिश्तेदार को कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोक लिया गया था, जहां से वो थाईलैंड की उड़ान लेने जा रहीं थीं. ईडी की ओर से उनके खिलाफ जारी एक लुक-आउट सर्कुलर के आधार पर इमिग्रेशन विभाग ने उन्हें उड़ान की अनुमति नहीं दी.

इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी मेनका से इसी सिलसिले में पूछताछ की थी.

घोटाले का संबंध राज्य के पश्चिमी हिस्से में सरकार द्वारा संचालित ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की ज़मीनों में कोयले के अवैध खनन और उसके परिवहन है.

पिछले हफ्ते मेनका ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था, जब ईडी ने उनसे नई दिल्ली में पेश होने के लिए कहा था जहां ये केस दर्ज था. सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कहा था कि पूछताछ से जुड़े तमाम भारी भरकम दस्तावेज़ दिल्ली में मौजूद थे.

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ईडी को आदेश दिया कि मेनका गंभीर से कोलकाता में पूछताछ की जाए और जरूरी दस्तावेज़ वहीं पर लाए जाएं.

ईडी ने कथित कोयला घोटाले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से भी 2 सितंबर को कोलकाता में करीब आठ घंटे तक पूछताछ की और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी से 23 जून को पूछताछ की.

अभिषेक ने मीडिया से कहा कि ये कोई ‘कोयला घोटाला या पशु घोटाला नहीं बल्कि एक गृह मंत्री घोटाला था’, उनका इशारा केंद्र सरकार की विपक्ष पर मुकदमे ठोंकने में रूची की ओर था.

लेकिन तृणमूल कांग्रेस बहुत से घोटालों के लिए सीबीआई और ईडी के निशाने पर रही है, जिनके चलते दो शीर्ष नेता जेल पहुंच चुके हैं.

ईडी ने जुलाई में कथित स्कूल सेवा भर्ती घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था, जब उनकी मित्र अर्पिता मुखर्जी के घर नकदी के ढेर बरामद हुए थे.

पिछले महीने सीबीआई ने तृणमूल के दबंग अनुब्रत मंडल को कथित पशु-तस्करी की जांच के सिलसिले में बीरभूम में उनके घर से गिरफ्तार किया था.

तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने इन कार्रवाइयों को अपनी पार्टी के लोगों के खिलाफ ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया है. 8 सितंबर को कोलकाता में पार्टी के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘मैं चाहती हूं कि बीजेपी एजेंसियों का और अधिक दुरुपयोग करे…जब मामले कोर्ट में जाएंगे, तो उनके पास अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं होंगे. स्थानीय नेताओं के मन में डर बिठाने के लिए, वो मजबूत टीएमसी नेताओं को निशाना बनाकर उन्हें गिरफ्तार करवा रहे हैं’.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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