नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने लेखक और पत्रकार आतिश अली तासीर का ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया कॉर्ड (ओसीआई) निरस्त कर दिया है. सामान्य जानकारी उपलब्ध न कराने और अपने पिता के पाकिस्तानी मूल के होने की खबर छुपाने की वजह से ये कदम उठाया गया है.
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार, तासीर ओसीआई कार्ड के लिए अयोग्य हो गए हैं क्योंकि ओसीआई कार्ड किसी ऐसे व्यक्ति को जारी नहीं किया जाता है जिसके माता-पिता या दादा-दादी पाकिस्तानी हों और उन्होंने यह बात छिपा कर रखी.
प्रवक्ता ने बताया कि तासीर (38) ने स्पष्ट रूप से बहुत बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं किया और जानकारी को छुपाया है.
नागरिकता अधिनियम के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति ने धोखे से, फर्जीवाड़ा कर या तथ्य छुपा कर ओसीआई कार्ड हासिल किया है तो ओसीआई कार्ड धारक के रूप में उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा और उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा. साथ ही, भविष्य में उसके भारत में प्रवेश करने पर भी रोक लग जाएगी.
वहीं, गृह मंत्रालय के बयान पर तासीर ने ट्विटर पर कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए 21 दिन नहीं, बल्कि 24 घंटे दिए गए थे.
This is untrue. Here is the Consul General’s acknowledgment of my reply. I was given not the full 21 days, but rather 24 hours to reply. I’ve heard nothing from the ministry since. https://t.co/z7OtTaLLeO pic.twitter.com/t3LBWUtkdi
— Aatish Taseer (@AatishTaseer) November 7, 2019
तासीर पाकिस्तान के दिवंगत नेता सलमान तासीर और भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह के बेटे हैं.
प्रवक्ता ने इस बात से भी इनकार किया कि सरकार टाइम पत्रिका में आलेख लिखने के बाद से तासीर के ओसीआई कार्ड को रद्द करने पर विचार कर रही थी. इस आलेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की गई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टाइम पत्रिका में इस लेख के छपने के बाद कहा था, ‘यह विदेशी मैगजीन है और लेखक ने खुद भी लिखा है कि वो पाकिस्तानी परिवार से संबंध रखता है. इसकी विश्वसनीयता के लिए इतना ही काफी है.’
सीपीजे ने इस कदम की आलोचना की
कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) के एशिया प्रोग्राम कॉर्डिनेटर स्टीवन बटलर ने कहा कि पत्रकार के इमिग्रेशन स्टेटस पर एक आलोचनात्मक लेख के लिए हमला यह दिखाता है कि भारतीय जनता पार्टी आलोचना को लेकर असहिष्णु है. गृह मंत्री अमित शाह को इस निर्देश को तुरंत वापस लेना चाहिए.
सीपीजे की तरफ से भारतीय गृह मंत्रालय को ई-मेल भी भेजा गया है लेकिन अभी तक इसपर कोई जवाब नहीं आया है.
तासीर के पिता सलमान का जन्म शिमला में हुआ था. लेकिन बंटवारे के बाद वो पाकिस्तान चले गए. सलमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर भी रह चुके थे. 2011 में इस्लामाबाद में ईशनिंदा के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें उनके ही सुरक्षाकर्मियों ने गोली मार दी थी.
सलमान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बड़े नेता थे और पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशरर्फ के करीबी थे.
सलमान तासीर के पास भी ब्रिटिश पासपोर्ट था. पाकिस्तान ने उन्हें दोहरी नागरिकता के लिए अनुमति दी हुई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा और अनन्या भारद्वाज के इनपुट के साथ)