नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने उन 25 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने कथित तौर पर कोविड -19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान के संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले पोस्टर चिपकाए थे. हालांकि राजधानी में लगाए गए पोस्टरों की जिम्मेदारी आम आदमी पार्टी ने ली है.
पार्टी ने कहा कि उसके कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया और सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को वह ‘परेशान’ कर रही है.
उन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और अन्य के अलावा, संपत्ति के विरूपण की रोकथाम अधिनियम(Prevention of Defacement of Property Act. ) की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
लेकिन यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली पुलिस ने संपत्ति के विरूपण अधिनियम (Prevention of Defacement of Property Act. ) के तहत मामले दर्ज किए हैं.
सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि 2020 में, दिल्ली पुलिस ने कानून के तहत 583 मामले दर्ज किए और 477 लोगों को गिरफ्तार किया – जिनमें से अधिकांश ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर और फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के विरोध में पोस्टर लगाए थे.
सूत्रों ने बताया कि अन्य गिरफ्तारियां पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों और दिल्ली विश्वविद्यालय चुनावों के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान लगाए गए पोस्टरों के संबंध में की हैं.
इसी तरह 2019 में 449 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें 339 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. सूत्रों ने बताया कि इनमें से अधिकतर पोस्टर जेएनयू फीस वृद्धि और विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से संबंधित थे.
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में 242 मामले सामने आए, जिसमें 191 लोगों को गिरफ्तार किया गया और ज्यादातर पोस्टर दिल्ली विश्वविद्यालय के चुनाव से संबंधित थे.
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आप ने ली जिम्मेदारी
आम आदमी पार्टी (आप) ने टीके की कमी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए शहर के कई हिस्सों में पोस्टर लगाये जाने की रविवार को जिम्मेदारी ली है.
वरिष्ठ आप नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई पार्टी को रोक नहीं पाएगी और वह अभियान चलाकर पूरे शहर एवं देश में ऐसे पोस्टर लगा देगी.
पाठक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आप ऐसे पोस्टरों के पीछे है. मुझे और हमारे विधायकों को गिरफ्तार कीजिए लेकिन गरीब लोगों को परेशान मत कीजिए जिन्होंने थोड़े से पैसों के लिए पोस्टर चिपकाए.’ इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि यह समय एक-दूसरे पर उंगली उठाने का नहीं है. केजरीवाल ने आप कार्यकर्ताओं से कोविड-19 महामारी का प्रकोप झेल रहे लोगों की मदद करने की अपील की.
केजरीवाल ने टि्वटर पर लिखा, ‘कोरोना ने क़हर ढाया हुआ है. लोग बहुत दुखी हैं. यह वक्त एक दूसरे पर उंगली उठाने का नहीं, बल्कि एक दूसरे को सहारा देने का है. मेरी ‘आप’ के हर कार्यकर्ता से अपील है की वे जहां भी हैं, अपने आस पास के लोगों की तन, मन, धन से भरपूर मदद करें. इस वक्त यही सच्ची देशभक्ति है, यही धर्म है.’
दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान शहर के कई हिस्सों में कथित रूप से पोस्टर चिपकाने को लेकर 25 प्राथमिकियां दर्ज कीं एवं उतने ही लोगों को गिरफ्तार किया. इन पोस्टरों पर लिखा है, ‘मोदीजी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया?’
पाठक ने कहा कि पूरे देश में लोग यही प्रश्न पूछ रहे हैं कि प्रधानमंत्री एवं भाजपा सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान एवं इराक समेत 94 देशों को टीके की करोड़ों खुराक का निर्यात क्यों किया जिससे भारत में हजारों जानें बचायी जा सकती थीं.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी रविवार को ट्वीट कर टीके की खुराकों का निर्यात करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार पर सवाल खड़े किए.
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