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Thursday, 21 November, 2024
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संजय सिंह ने राम मंदिर जमीन ‘घोटाले’ में किए नये खुलासे, RSS चीफ मोहन भागवत से मिलने का समय मांगा

आप नेता संजय सिंह ने इस कथित घोटाले में तमाम भाजपा नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री से इस पर अपना स्टैंड साफ करने को कहा है. 

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शनिवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के नाम पर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन में कथित घोटाले को लेकर कुछ और खुलासे किए. उन्होंने इसको लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवात को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने उनसे मुलाकात करने और ये सारी जानकारी देने की बात कही है.

आप नेता संजय सिंह ने इस कथित घोटाले में तमाम भाजपा नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री से इस पर अपना स्टैंड साफ करने को कहा है.

संजय सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने अयोध्या में मंदिर निर्माण में शामिल ट्रस्ट के लोगों के साथ एक बैठक की है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब आप इनके साथ मीटिंग कर रहे हैं, तो क्या आपने इनसे सवाल किया कि डेढ़ साल में अभी तक मंदिर की नींव तक क्यों नहीं भर पाए.

उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले दिनों से कई साक्ष्य दे चुका हूं कैसे प्रभु श्रीराम के मंदिर की जमीन में भ्रष्टाचार किया गया और अगर पिछले डेढ़ साल से राम का मंदिर अयोध्या में नहीं बन पा रहा है, अगर मंदिर का काम रुका हुआ है तो उसके लिए कोई और नहीं बीजेपी वाले जिम्मेदार हैं. उनकी चंदा चोरी जिम्मेदार है. उनकी नीयत प्रभु श्रीराम राम का मंदिर बनाने में नहीं, बल्कि चंदा चोरी में है.’

सिंह ने कहा कि इन लोगों की आस्था प्रभु श्रीराम में नहीं, प्रॉपर्टी डीलर्स में हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जानकारी मिली है कि इसका पैसा ऊपर तक जा रहा है तो मैं पूछना चाहता हूं प्रधानमंत्री जी से कि 10-12 दिन हो गये इस घोटाले का खुलासा करते-करते, एक नहीं अनेक साक्ष्य पेश किए. इसकी जांच क्यों नहीं करा रहे.

आप नेता ने आरोप लगाया अगर चोरी का हिस्सा ऊपर तक जा रहा है तो कौन-कौन लोग शामिल है. ट्रस्ट और बीजेपी वालों ने इतनी चंदा चोरी की कि श्रीराम के मंदिर का निर्माण पूरी तरह से रुक गया है. दिन रात इनका दिमाग जमीन के नाम पर चंदा चोरी में लगा है. ये देश के करोड़ों हिंदुओं को चोट पहुंचाने और गहरा आज्ञात पहुंचाने का काम बीजेपी और ट्रस्ट के लोगों ने किया है.

आज प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए, इन लोगों से पूछना चाहिए कि घोटाला किया तो क्यों किया, मंदिर नहीं बन पा रहा है तो क्यों नहीं बन पा रहा है. ऊपर तक हिस्सा जा रहा है तो कौन-कौन इसमें शामिल हैं.

संजय सिंह ने आज घोटाले से जुड़े एक नये साक्ष्य को पेश किया. जिसमें उन्होंने बताया कि रविमोहन तिवारी जो कि बीजेपी के मेयर का रिश्तेदार है. वो जो 18 मार्च को बीजेपी के मेयर के साथ और ट्रस्ट वालों के साथ मिलकर 2 करोड़ की जमीन साढ़े 18 करोड़ रुपये में बेची थी, उसी रविमोहन तिवारी ने 19 अप्रैल को 10 करोड़ रुपये की एक जमीन खरीदी.

उन्होंने अफसोस जताया कि ट्रस्ट जब जमीन खरीदता है तो उसे मालियत से कई गुना महंगी मिलती है लेकिन बीजेपी के नेता, प्रभु श्रीराम के नाम पर चंदा खाने वाले जब ये लोग जमीन खरीदते हैं, तो इनको सस्ती मिलती है. इस जमीन की लागत है 8 करोड़ 70 लाख रुपये की जो इनको 10 करोड़ में मिल जाती है.

सिंह ने सवाल खड़ा किया कि आखिर ये लोग अपनी जमीन बना रहे. मंदिर के नाम पर अपनी प्रॉपर्टी बना रहे हैं. इस जमीन के ऊपर बड़े-बड़े बोर्ड लगे हुए हैं कि यह विवादित जमीन है, लेकिन फिर भी इसे खरीदा जाता है.

उन्होंने इस जमीन को खरीदे जाने के बाद थाने में दर्ज एफआईआर की कॉपी दिखाते हुए कहा कि जब ये जमीन खरीदे तो थाने में एफआईआर दर्ज हो गई. इन लोगों पर मुकदमे दर्ज हो गये. रविमोहन तिवारी और साथ में कुसुम पाठक, हरीश पाठक सारे लोग इसमें नामजद हैं.

संजय सिंह ने बताया कि इसके बाद एक और जमीन खरीदी जाती है हरीश पाठक के भाई हैं अनिल से. इसे विष्णु कुमार खरीदते हैं, जो कि बीजेपी के मेयर का अकाउंट देखते हैं. ये 15 मार्च को हरीश के भाई से 255 वर्गमीटर जमीन 10 लाख रुपये में खरीदते हैं और इसमें गवाह बनता है बीजेपी के मेयर का भांजा दीप नारायण उपाध्याय, और यही जमीन ट्रस्ट को तीन दिन बाद 60 लाख रुपये में बेच दी जाती है. इसमें अनिल कुमार के साथ वही पुराने गवाह हैं ऋषिकेश उपाध्याय.

उन्होंंने इतने खुलासों के बाद सवाल किया कि इन सब खुलासों के बाद भी जांच क्यों नहीं हो रही है. क्या इस देश की सारी जांच एजेंसियां मर चुकी हैं. क्या प्रधानमंत्री की संवेदनाएं मर चुकी हैं.

सिंह ने कहा कि उन्होंने इसको लेकर आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर उनसे मिलने का समय मंगा है. उन्हें यह सबूत देना चाहता हूं. वह चाहते हैं कि वह इस पर संज्ञान लें और अपना मत सार्वजनिक करें.

इन खुलासों पर कार्रवाई न होने पर सिंह ने कहा कि भाजपा से जुड़ा मसला है इसलिए इस पर कार्रवाई नहीं हो रही है. भाजपा की जगह कोई नकारा सरकार भी होती तो भी इस पर कार्रवाई करती.

उन्होंने तो कहा कि उन पर इसको लेकर मानहानि का मुकदमा करने की बात कही थी, आखिर क्यों नहीं किया. हम तो चाहते हैं मुकदमा दर्ज हो. और हम मांग करते हैं इसकी फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो, लेकिन क्या हुआ उस मानहानि का.

आखिर में संजय सिंह ने कथित सुप्रीम कोर्ट के पैनल की रिपोर्ट जिसमें आप सरकार पर दिल्ली में जरूरत से 4 गुना ज्यादा ऑक्सीजन मांगने के आरोप कहा कि, ‘मुझे बहुत अफसोस है कि बीजेपी देश की ऐसी संवेदनहीन पार्टी है, जब देश में 3 लाख मामले थे तो बंगाल में मोदी समेत पार्टी घूम-घूम कर रैली कर रही थी, मोदी को रैली में पीछे तक भीड़ दिख रही थी, लेकिन इस दौरान कोरोना से मौत की लाशें उन्हें नजर नहीं आ रही थीं. जबकि केजरीवाल रातभर जाग-जाग कर दिल्ली के अलग-अलग जगहों ऑक्सीजन पहुंचाने में लगे हुए थे.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नाम पर फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई है. सिंह ने सवाल किया कि ऑक्सीजन क्या कोई आईसक्रीम है जो केजरीवाल खा रहे थे. केजीरीवाल को दिल्ली के लोगों को चिंता थी जबिक बीजेपी वालों को रैलियों की.

सिंह सवाल किया कि क्या ऑक्सीजन की कमी पर पत्रकारों की रिपोर्ट, चैनलों की खबरें झूठी थीं. क्या ऑक्सीजन मांगने वाले लोग झूठे हैं. जिनके परिजनों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई ये उनके परिवार का अपमान है.

आप नेता ने किसानों के मुद्दे पर कहा कि हम लोग पहले दिन से किसानों के साथ हैं. किसान आंदोलन को 7 महीने हो गये हैं. आजादी के बाद ऐसा आंदोलन नहीं हुआ है.

 

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