नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत ने पार्टी छोड़ दी है, क्योंकि ‘आप’ अपने राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के हितों के लिए काम करने की खातिर उन मूल्यों से भटक गई है, जिनकी बुनियाद पर इस पार्टी को खड़ा किया गया था।
‘आप’ पर तीखे वार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि पार्टी ने खास बनने के लिए अपने ‘‘राजनीतिक मूल्य बदल’’ लिए।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘पार्टी छोड़ने वाला हर व्यक्ति निराश है, क्योंकि आम आदमी पार्टी अब केवल अरविंद केजरीवाल की पार्टी बन गई है। यह ‘अरविंद आदमी पार्टी’ बन गई है।’’
गहलोत ने यह आरोप लगाते हुए रविवार को ‘आप’ छोड़ दी कि राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के आगे लोगों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता पीछे रह गई है और ‘‘हम लोगों के अधिकारों के बजाय केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं।’’
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पूनावाला ने कहा, ‘‘अपने इस्तीफे में कैलाश गहलोत ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) एक ‘खास’ पार्टी बन गई है, जिसने राजनीतिक स्वरूप बदल लिया है और सभी मूल्यों (जिसके लिए पार्टी बनी थी) से दूर हो गई है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘आप’ भ्रष्टाचार में लिप्त है और उसने दिल्ली के लोगों से किए गए सभी वादे तोड़ दिए, चाहे वह राष्ट्रीय राजधानी को प्रदूषण मुक्त करना हो या यमुना नदी की सफाई करना हो।
पूनावाला ने कहा, ‘‘और जो लोग वादा करते थे कि वे कांग्रेस के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे और बड़े-बड़े बंगले स्वीकार नहीं करेंगे, वे ‘शीशमहल’ में व्यस्त हो गए और अपने निजी हितों को अधिक महत्व देने लगे।’’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि गहलोत ने केवल पार्टी नहीं छोड़ी है, बल्कि केजरीवाल को ‘‘बेनकाब’’ भी किया है। उन्होंने कहा, ‘‘अन्ना हजारे, योगेंद्र यादव और कुमार विश्वास ने भी यही सब बातें कही थीं।’’
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत के इस्तीफे का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने एक साहसी कदम उठाया है।
सचदेवा ने कहा, ‘‘गहलोत ने उन्हीं मुद्दों को उठाते हुए पद छोड़ा है, जिनके लिए भाजपा केजरीवाल और ‘आप’ के खिलाफ लड़ाई कर रही थी। उनके इस्तीफे से साबित होता है कि ‘आप’ के नेता भी केजरीवाल को ईमानदार नहीं मानते हैं।’’
नजफगढ़ से विधायक गहलोत ने तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
गहलोत गृह, प्रशासनिक सुधार, आईटी और महिला एवं बाल विकास विभाग संभाल रहे थे।
‘आप’ के वरिष्ठ नेता ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है, जब पार्टी अगले साल फरवरी में प्रस्तावित दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी है।
भाषा
खारी पारुल
पारुल
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