देहरादून: आम आदमी पार्टी (आप) के उत्तराखंड प्रमुख दीपक बाली मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए. छह हफ्ते पहले आप के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए गए बाली ने कहा कि अन्य बातों के अलावा वह पार्टी की ‘संगठनात्मक प्रणाली’ और पाकिस्तान में हनुमान की एक मूर्ति को तोड़े जाने पर उसकी ‘चुप्पी’ से परेशान थे.
आप को एक महीने से भी कम समय में उत्तराखंड में यह दूसरा बड़ा झटका है. मई 2022 के विधानसभा चुनावों में आप के मुख्यमंत्री पद के चेहरे कर्नल अजय कोठियाल (रिटायर) ने पार्टी छोड़ दी थी. उन्होंने इसके लिए संगठनात्मक विफलताओं को जिम्मेदार ठहराया और भाजपा में शामिल हो गए. उधर अप्रैल में आप के हिमाचल इकाई के प्रमुख भी भाजपा में शामिल हो गए थे.
आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए एक त्याग पत्र में बाली ने लिखा, ‘मैं आप के साथ मौजूदा संगठनात्मक प्रणाली के तहत काम करने में सहज नहीं हूं. नतीजतन, मैं पार्टी के राज्य प्रमुख और संगठन की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा देता हूं.’
भाजपा में शामिल होने के बाद दिप्रिंट से बात करते हुए बाली ने कहा कि वह इस बात से भी नाखुश हैं कि आप ने ‘राष्ट्रीय मुद्दों’ पर बात नहीं की.
उन्होंने कहा, ‘आप छोड़ने का मेरा तात्कालिक कारण राष्ट्रीय मुद्दों पर केजरीवाल और पार्टी की चुप्पी थी, खासकर जब हनुमान की एक मूर्ति (कराची में) तोड़ी गई और पाकिस्तान में कट्टरपंथियों ने एक हिंदू महिला की हत्या कर दी.’
इसके अलावा बाली ने कहा, वह उत्तराखंड के सीएम और भाजपा नेता पुष्कर सिंह धामी से ‘प्रभावित’ हैं, ‘खासकर चुनावों से पहले अपने पहले कार्यकाल में उनके फैसलों ने मुझ पर खासा असर डाला.’
बाली ने कहा, ‘जब हम आप में थे, तब भी हम जानते थे कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी को कोई नहीं हरा सकता है’
इस साल की शुरुआत में हुए उत्तराखंड चुनावों में, भाजपा उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में लौटी है. आप ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन वह एक भी सीट जीतने में नाकाम रही.
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आप के लिए चिंताजनक रुझान
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बाली का भाजपा में स्वागत किया और कहा कि उन्होंने ‘पाकिस्तान की घटना के बाद आप का असली चेहरा अंदर से देखा था’
उन्होंने यह भी कहा कि इस साल चुनाव वाले दो राज्यों हिमाचल प्रदेश और गुजरात में आप के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं.
वह कहते हैं, ‘उत्तराखंड से आप का सफाया हो गया है. और ऐसा ही पूरे देश में होगा…. यह याद रखना चाहिए कि हिमालय से निकलने वाली ऑक्सीजन पूरे देश के लिए काम करती है.’
उत्तराखंड भाजपा प्रमुख मदन कौशिक ने दिप्रिंट को बताया कि उनकी पार्टी को उम्मीद है कि निकट भविष्य में आप की अन्य राज्य इकाई के प्रमुख पार्टी में आएंगे.
कौशिक ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश आप अध्यक्ष हाल ही में कई अन्य नेताओं के साथ भाजपा में शामिल हुए. और इसके बाद उत्तराखंड में आप का सीएम चेहरा और गुजरात में बड़ी संख्या में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भाजपा के साथ हो लिए. अब उनके उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली है. जल्द ही हम आप की अन्य राज्य इकाइयां को इन्हीं कदमों पर चलते देखेंगे.’
अप्रैल में राज्य प्रमुख अनूप केसरी सहित कई नेताओं के दल बदल के बाद आप पार्टी को हिमाचल प्रदेश कार्यसमिति को भंग करने के लिए मजबूर होना पड़ा. मार्च में लगभग 3,500 आप सदस्य भी कथित तौर पर गुजरात में भाजपा में शामिल हो गए.
‘संगठनात्मक मसले और पार्टी का भविष्य ‘
दीपक बाली के मुताबिक, उनका मानना है कि ‘आप का उत्तराखंड में कोई भविष्य नहीं है’ क्योंकि राज्य इकाई को खुद को बचाने के लिए छोड़ दिया गया है’.
बाली ने आरोप लगाया, ‘राष्ट्रीय संयोजक के साथ मेरी तीन बैठकें होने के बावजूद राज्य संगठन को केंद्रीय नेतृत्व से जरूरी समर्थन नहीं मिल रहा था. जबकि उन्होंने हर तरह की मदद का वादा किया था’
बाली एक रियल-एस्टेट व्यवसायी हैं जो उत्तराखंड को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए एक आंदोलनकारी के रूप में प्रमुखता से उभरे थे, जब राज्य यूपी का हिस्सा था. माना जाता है कि बाली ने वर्षों तक सीएम धामी के साथ एक अच्छा समीकरण साझा किया है.
24 मई को आप के पूर्व सीएम चेहरे कर्नल अजय कोठियाल (रिटायर) राज्य में चुनाव होने के डेढ़ महीने बाद ही भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने आरोप लगाया था कि 2022 के चुनावों में पार्टी के टिकट बेचे गए थे. इन चुनावों को उन्होंने लड़ा और हार गए.
कोठियाल ने आप के केंद्रीय नेतृत्व की भी आलोचना की थी. उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल ने संगठन को मजबूत करने के जो वादे किए थे, वो कभी पूरे नहीं किए गए. केंद्रीय नेतृत्व उत्तराखंड की राजनीतिक वास्तविकता को समझने में विफल रहा, क्योंकि विधानसभा चुनावों में लोगों ने पार्टी को खारिज कर दिया था. उत्तराखंड में आप का कोई भविष्य नहीं है.
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